उत्तरकाशी: सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर पहली बार अब वायुसेना रात के समय में भी अभ्यास करने जा रही थी. जिसके लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने हवाई अड्डे पर नाइट सिग्नल लाइट्स भी उतार दी थीं. वायुसेना का यह अभ्यास शाम 7 बजे से शुरू होकर रात 10 बजे तक चलना था. लेकिन उत्तरकाशी के जंगलों में लगी आग और उससे उठते धुएं के चलते वायुसेना ने अपने अभ्यास कार्यक्रम को कैंसिल कर दिया है.
भारत-चीन सीमा से सटे सीमांत उत्तरकाशी जनपद में चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा सेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि सेना इसे अपना एडवांस लैंडिंग ग्राउंड बनाने की कवायद में लगी हुई है. इसके साथ ही यहां अपने मल्टीपर्पज विमान एएन-32, चिनूक, अपाचे, डोनियर, एमआई 17 और हरक्यूलिस की सफलतापूर्वक लैंडिंग और टेक ऑफ का अभ्यास कर चुकी है. लिहाजा, अब वायु सेना ने यहां आपातकाल के लिए रात्रि अभ्यास करने की तैयारियां शुरू कर दी थी.
रविवार सुबह करीब दस बजे वायु सेना का हेलीकॉप्टर बरेली एयरबेस से गौचर और फिर चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर पहुंचा. जिसने यहां नाइट सिग्नल लाइट्स उतारीं. इन्हीं लाइटों की मदद से वायु सेना यहां रात्रि अभ्यास शुरू करने जा रही थी. हालांकि, वनाग्नि के चलते वायुसेना ने अपना यह अभ्यास कैंसिल कर दिया है. यूपी निर्माण निगम के इंजीनियर घनश्याम सिंह ने बताया कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने नाइट सिग्नल लाइट्स उतारी हैं. ऐसे में दिन के बाद अब रात के समय में भी यह हवाई अड्डा वायुसेना के विमानों के काम आ सकेगा.