उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

Chardham Yatra: गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की भीड़, 50 हजार से ज्यादा भक्तों ने किए दर्शन

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में पांच दिनों में 50 हजार से ज्यादा तीर्थ यात्री दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं. यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखकर होटल व्यवसायियों के चेहरे खिल गए हैं. वहीं, आज गंगोत्री धाम में गंगा सप्तमी धूमधाम से मनाई गई.

By

Published : May 8, 2022, 10:27 AM IST

Updated : May 8, 2022, 5:45 PM IST

Chardham Yatra 2022
चारधाम यात्रा 2022

उत्तरकाशी:चारधाम यात्रा 2022 सुचारू रूप से चल रही है. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के पांच दिनों के भीतर 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने मां गंगा व यमुना के दर्शन किए हैं. कोरोना महामारी के कारण दो वर्षों तक बाधित रही चारधाम यात्रा इस साल धीरे-धीरे जोर पकड़ती नजर आ रही है. वहीं, गंग सप्तमी के मौके पर गंगोत्री धाम में मां गंगा अवतरण दिवस महापर्व के रूप में मनाया गया.

बता दें, गंगोत्री में 25,775 और यमुनोत्री में 25,075 तीर्थयात्री मां गंगा व यमुना के दर्शन कर चुके हैं. यात्री उत्तरकाशी जिला मुख्यालय समेत गंगोत्री धाम के नेताला, गणेशपुर, हीना, मनेरी, गंगनानी, हर्षिल आदि जगहों पर रुक रहे हैं. वहीं, यमुनोत्री धाम के धरासू, बड़कोट, जानकीचट्टी आदि स्थानों पर यात्री रात्रि विश्राम को पहुंच रहे हैं. उत्तरकाशी शहर में केदारघाट, विश्वनाथ मंदिर, भैरव मंदिर, शक्ति मंदिर, हनुमान मंदिर में यात्री दर्शन करने पहुंच रहे हैं. गंगाघाटों पर यात्री स्नान के लिए पहुंच रहे हैं.

पांच दिनों में 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए गंगोत्री और यमुनोत्री मां के दर्शन.
होटल व्यवसायियों के चहरे खिले: दोनों धामों में बड़ी तदाद तीर्थ यात्रियों के पहुंचने से होटल व्यवसायियों के चहरे खिल उठे हैं. होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र मटूड़ा व गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि यात्रा को लेकर तीर्थ यात्री उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा इस साल चार धाम यात्रा के सभी रिकॉर्ड टूट जाएंगे.

गंगोत्री धाम में महापर्व के रूप में मनाई गंगा सप्तमी:राजा भगीरथी की तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा के स्वर्ग से कैलाश हिमालय में भगवान शिव की जटाओं में अवतरित होने के दिवस पर गंगोत्री धाम में महापर्व के रूप में मनाया गया. इस अवसर पर गंगोत्री धाम में आयोजित धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होकर हजारों तीर्थयात्रियों ने पुण्य लाभ अर्जित किया. आज मां गंगा की भोग मूर्ति का विशेष श्रृंगार किया गया.

पढ़ें-चारधाम यात्रा 2022: ब्रह्म मुहूर्त में खुले बदरीनाथ धाम के कपाट, PM मोदी के नाम से हुई पहली पूजा

गंगोत्री मंदिर के तीर्थ पुरोहित राजेश सेमवाल ने बताया कि राजा भगीरथ ने मां गंगा को धरा पर लाने के लिए कठोर तप किया था. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा आज ही के दिन स्वर्ग से कैलाश हिमालय में भगवान शिव की जटाओं में अवतरित हुई थीं. गंगा अवतरण के इस दिन को गंगा सप्तमी महापर्व के रूप में मनाया जाता है. रविवार को गंगा सप्तमी पर गंगोत्री धाम में गंगा मैया की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई, जिसमें तीर्थ पुरोहितों के साथ ही तमाम साधु-संत, यात्रा कारोबारी और तीर्थ पुरोहित भी शामिल हुए.

इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों के गांव मुखबा मार्कण्डेय में श्री गंगा जी सेवा ट्रस्ट की ओर से श्री गंगा सप्तमी महापर्व महोत्सव का आयोजन किया गया. इस अवसर पर अखंड रामायण के साथ ही श्री गंगोत्पत्ति महात्म्य का मूल पाठ किया गया. इसके अलावा गंगा जी का महाभिषेक, चौबीस हजार गायत्री जप आदि अनुष्ठानों के साथ ही गंगा की धारा में 11 हजार दीपों का दान किया गया. ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक सेमवाल ने बताया कि टकनौर क्षेत्र के ऐतिहासिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व को उजागर कर देश विदेश के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को यहां आकर्षित करने के लिए हर साल महोत्सव का आयोजन किया जाता है.

Last Updated : May 8, 2022, 5:45 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details