रुद्रपुरःसमय के साथ बढ़ रही भागदौड़ भरी जिंदगी में बदलता लाइफस्टाइल चिंता का विषय बनता जा रहा है. ऐसे में कई तरह की बीमारियां लोगों पर हावी हो रही है. इसके मुख्य कारण खानपान, दिनचर्या, व्यायाम, बढ़ते प्रदूषणऔर योग आदि ना करना है. इस बिजी लाइफ में क्लीजिंग थेरेपी के माध्यम से घर बैठे कई तरह की बीमारियों को दूर कर निरोग रह सकते हैं.
जानकारी देते नैचुरोपैथी डॉ. पीयूष सक्सेना.
डॉक्टरों की मानें तो क्लींजिंग थेरेपी से आप घर बैठे ही 90 प्रतिशत बीमारियों से निजात पा सकते है. बढ़ते प्रदूषण, पैरासाइट और बिगड़ी लाइफस्टाइल ही तमाम बीमारियों की जड़ है. इनके चलते शरीर में टॉक्सिंस जमा होते हैं, जिससे शरीर के अंग सही ढंग से काम नहीं कर पाते और बीमार हो जाते हैं. ऐसे में इन टॉक्सिंस को शरीर से बाहर निकाल दिया जाए तो करीब 90 प्रतिशत स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज हो सकता है. शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकालने की यह प्रक्रिया क्लींजिंग थेरेपी कहलाती है.
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डॉक्टरों का कहना है कि अधिकांश बीमारी किडनी और लीवर के डैमेज होने के कारण होती है, लेकिन इन दोनों अंगों की खूबी ये है कि यह तीन-चौथाई गड़बड़ी की दशा में भी अपना काम करते रहते हैं. ऐसे में इनके बीमार होने का पता नहीं चल पाता है. क्लींजिंग थेरेपी के माध्यम से शरीर के दोनों अंगों को स्वस्थ्य रखकर बीमारियों से दूर रह सकते है.
नैचुरोपैथी डॉ. पीयूष सक्सेना ने बताया कि एक बार क्लींजिंग थेरेपी करने से 6 महीने तक किसी भी व्यक्ति को हार्ट अटैक की समस्या नहीं होती है.
ये बीमारियां रहेंगी दूर
- किडनी की बीमारी
- ब्लड शुगर
- जोड़ों के दर्द
- थायराइड
- यूरिनल इन्फेक्शन
- डिप्रेशन शरीर में पानी जमा होना
- लीवर संबंधी बीमारियां
- मोटापा
- एनीमिया
- दमा
- नाक, कान, गले संबंधी रोग
- सिर दर्द माइग्रेन
- वेरीकोस वेंस
- सफेद दाग
- महिलाओं के सभी रोगों को खत्म किया जा सकता है.
वहीं, रुद्रपुर सिटी क्लब में एक कार्यशाला में थेरिपिस्ट डॉ. पीयूष सक्सेना ने क्लींजिंग थेरेपी के बारे में जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि क्लींजिंग थेरेपी के माध्यम से बीमारियों से दूर रहा जा सकता है. इसे घर पर आसानी से कर सकते हैं.