देहरादून/उधम सिंह नगर/पिथौरागढ़: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने शनिवार को विधिवत रूप से तीन कृषि बिलों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार से इन कानूनों को तत्काल रद्द किए जाने को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की. उधर, देश का राजधानी में धरना दे रहे किसानों के समर्थन में उधम सिंह नगर जनपद से भी किसान दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं.
पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बैठक हुई. जिसमें प्रीतम सिंह की ओर से प्रस्ताव रखा गया कि केंद्र की मोदी सरकार से प्रदेश कांग्रेस कमेटी यह मांग करते हैं कि बिना विलंब किए कृषि क्षेत्र में सुधारों के नाम पर बनाए गए तीनों कानूनों को अविलंब रद्द किया जाए. इसके लिए संसद का विशेष सत्र आहूत करते हुए इन तीनों कानूनों को देश और किसानों के हित में रद्द किया जाए.
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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने से फोन पर सहमति लेने के अलावा बैठक में मौजूद रहे वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कानूनों को रद्द किए जाने की मांग के प्रस्ताव को पारित किया. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि आज देश के किसान जिस प्रकार से केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए काले कानूनों के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष कर रहा है. इसमें उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी भी अपना पूरा समर्थन करती है.
किसानों ने किया दिल्ली कूच
पूरे देश की निगाहें इस समय दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलनों पर टिकी है. देश का राजधानी में धरना दे रहे किसानों के समर्थन में उधम सिंह नगर जनपद से किसान भी दिल्ली के रवाना हो गए हैं. सितारगंज में भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले दर्जनों किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार का पुतला फूंका. किसानों का कहना था कि केंद्र सरकार द्वारा जो तीन कृषि विधेयक लाए गए हैं. यह तीनों कृषि विधेयक किसान विरोधी हैं. इन विधेयकों के लागू होने से किसान अपनी जमीन का स्वामी खुद न होकर पूंजीपतियों का मजदूर बनकर रह जाएगा. दिल्ली में जो किसान लगातार धरना दे रहे हैं हम उनके समर्थन में आज यहां से दिल्ली रवाना हो रहे हैं और तब तक दिल्ली में डटे रहेंगे जब तक केंद्र सरकार तीनों काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती है.