काशीपुर:उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर शहर में समलैंगिकता का मामला सामने आया है. जहां काशीपुर की रहने वाली एक युवती ने अपनी एक समलैंगिक दोस्त के साथ शादी करने के लिए एसडीएम कार्यालय में निवेदन किया. लेकिन एसडीएम ने इस शादी को इजाजत देने से इंकार कर दिया.
जब शादी के लिए दो लड़कियों ने मांगी अनुमति काशीपुर के उपजिलाधिकारी हिमांशु खुराना कार्यालय में आज युवतियों की अधिवक्ता हेमा जोशी ने प्रार्थना पत्र दिया. जिसमें बताया गया कि काशीपुर और यूपी की रहने वाली दो युवतियों की बीच समलैंगिक संबंध हैं. दोनों बालिग हैं और शादी करना चाहती हैं. हालांकि, एसडीएम हिमांशु खुराना ने कहा कि विशेष विवाह अधिनियम में समलैंगिकों के विवाह के लिए कोई प्रावधान नहीं है. जिसके चलते एसडीएम ने दोनों को शादी के निवेदन को अस्वीकार कर दिया गया.
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क्या है समलैंगिकता?
ज्यादातर लोग ऑपोजिट सेक्स वालों की तरफ आकर्षित होते हैं. ऐसे लोगों को हेट्रोसेक्सुअल कहते हैं. जब पुरुष को पुरुष से या महिला को महिला की तरफ आकर्षण हो तो उसे होमोसेक्सुअल कहते हैं. इस स्थिति में लोग सेम सेक्स वालों की तरफ आकर्षित होते हैं.
कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो पुरुषों की तरफ भी आकर्षित होते हैं और महिलाओं की तरफ भी. यानी वे हेट्रोसेक्सुअल भी होते हैं और होमोसेक्सुअल भी. इन्हें बाइ-सेक्सुअल कहा जाता है. होमोसेक्सुअल संबंधों को समलैंगिक संबंध कहा जाता है.
ये है विशेष विवाह अधिनियम
विशेष विवाह अधिनियम 1954 में बनाया गया था. अलग-अलग धर्म और समुदाय के महिला-पुरुष जब आपस में शादी करते हैं तो उनके विवाह और उनका पंजीयन विशेष विवाह अधिनियम के तहत होता है. इसके लिए कलेक्टर या अपर कलेक्टर को अधिकृत किया गया है.