रुद्रपुर: कुछ दिन पहले ईटीवी भारत ने ई-वेस्ट को बिना रिसाइकिल व बिना जलाए भी खत्म करने की तकनीक को लेकर खबर प्रकाशित की थी. जिसमें हमने पंतनगर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की 18 सालों कड़ी मेहनत और तकनीक से देश-दुनिया को रूबरू करवाया था. साथ ही पंतनगर के वैज्ञानिकों ने देश-विदेश की कंपनियों को इस तकनीक को लेने के लिए आमंत्रित किया था. खबर प्रकाशित होने के महज कुछ ही दिनों में अब महाराष्ट्र और केरल की दो कम्पनियों ने वैज्ञानिकों से इस तकनीक के लिए संपर्क किया है.
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बता दें ईटीवी भारत ने ई-वेस्ट के निस्तारण को लेकर वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध की खबर प्रमुखता से दिखाई थी. जिसके बाद अब पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम से महाराष्ट्र और केरल की दो कंपनियों ने सम्पर्क किया है, जिसको लेकर वैज्ञानिकों की टीम ने ईटीवी भारत का आभार जताया है.
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वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि दोनों कंपनियों ने मेल और पत्राचार के जरिए उनसे संपर्क किया है, जिसके बाद महाराष्ट्र और केरल की दोनों कंपनियों को भी पंतनगर कृषि विश्विद्यालय में आमंत्रित किया है. जिससे वे इस तकनीक से उन्हें रूबरू करवा सके.
ई-वेस्ट को खत्म करने की अनोखी तकनीक. रसायन विज्ञान के प्रोफेसर एमजीएच जैदी ने बताया कि ई-वेस्ट का निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाये किया जा सकता है. इसका फार्मूला वैज्ञानिकों की टीम ने खोज लिया गया है. ई-वेस्ट के निस्तारण के लिए वैज्ञानिकों ने 18 साल तक शोध किया, जिसमें मिट्टी से 45 प्रकार के सूक्ष्म जीवों को खोजा गया. जिसके बाद उन सूक्ष्म जीवों के माध्यम से ई-वेस्ट के छोटे-छोटे टुकड़े करके निस्तारण किया जा सकता है.
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उन्होंने ईटीवी भारत का आभार जताते हुए कहा कि इसके लिए और भी लोगों को आगे आना चाहिए तब जाकर ही देश और दुनिया से ई-वेस्ट की समस्या को हल किया जा सकेगा.