रुद्रपुर: भारत में पद्मभूषण से सम्मानित थाईलैंड की राजकुमारी महाचक्री सिरिंधोर्न 44 सदस्यीय टीम के साथ एक दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड के कुमाऊं दौरे पर पहुंचीं हैं. देश में उनका ये 18वां दौरा है, इससे पहले वो 17 बार भारत के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर चुकी हैं. 44 सदस्यी टीम के साथ राजकुमारी महाचक्री सिरिंधोर्न का पंतनगर एयरपोर्ट पर जिला प्रशासन और एयरपोर्ट प्रशासन ने स्वागत किया. सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था. राजकुमारी हल्द्वानी के काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस पहुंचीं.
थाईलैंड की राजकुमारी महाचक्री सिरिंधोर्न एयर इंडिया के विशेष एयरक्राफ्ट से पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचीं. इसके बाद जिलाधिकारी नीरज खैरवाल, एसएसपी बरिंदर जीत सिंह और एयरपोर्ट डायरेक्टर एसके सिंह ने उनका स्वागत किया. मौसम खराबी के चलते वो तय समय से आधा घंटा लेट दो बजे पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने पंतनगर एयरपोर्ट में स्थापित हर्बल गार्डन की जानकारी ली.
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इसके बाद राजकुमारी सिरिंधोर्न काठगोदाम सर्किट हाउस पहुंचीं, जहां से वो भीमताल के लिए रवाना हुईं. राजकुमारी ने भीमताल ओखलकांडा ब्लॉक के देवस्थल स्थित एरीज से ऑप्टिकल टेलिस्कोप के जरिए अंतरिक्ष का नजारा देखा. साथ ही सर्किट हाउस में चिपको आंदोलन से जुड़ी पेंटिंग के बारे में जानकारी ली.
डायरेक्टर एस के सिंह के मुताबिक, उन्होंने लगभग 15 मिनट तक हर्बल गार्डन में लगे पौधों के बारे में जानकारी ली, जिसके बाद उनका काफिला पंतनगर एयरपोर्ट से हल्द्वानी के लिए रवाना हो गया.
पद्मभूषण से सम्मानित हो चुकी हैं राजकुमारी
राजकुमारी सिरिंधोर्न का भारत से खास लगाव है. इसके पहले वो 17 बार भारत भ्रमण पर आ चुकी हैं और ये उनका 18वां दौरा है. कुमाऊं क्षेत्र में ये उनकी पहली यात्रा होगी. राजकुमारी को भारत सरकार ने साल 2017 में पद्मभूषण से सम्मानित किया. इसके साथ ही उन्हें इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार, वर्ल्ड संस्कृत अवार्ड और रमन मैग्सेसे अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. महारानी महाचक्री को संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए वर्ल्ड संस्कृति अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.