खटीमाः कोरोनाकाल में ट्रांसपोर्ट सेक्टर घाटे में चल रहा है. उत्तराखंड परिवहन निगम भी इससे अछूता नहीं है. कोविड-19 के चलते निगम बुरे दौर से गुजर रहा है. टनकपुर डिपो की बात करें तो अनलॉक-1 में जहां 10 से 12 लोकल बस सेवाएं राज्य सरकार के निर्देश पर संचालित की जा रही थी. जिससे रोजाना मात्र 40 से 50 हजार की आमदनी हो पा रही थी. वहीं, अब अनलॉक-4 में पांच नए रूटों पर 5 नई गाड़ियां संचालित की जा रही है. जिसके बाद डिपो की रोजाना आमदनी एक लाख पच्चीस हजार हो गई है. इसके बावजूद रोडवेज घाटे में है.
टनकपुर रोडवेज के एआरएम कृष्ण सिंह राणा की मानें तो जब तक बसों को पूरे राज्य या राज्य से बाहर चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी. तबतक रोडवेज की हालत खस्ता ही रहेगी. उनका कहना है कि मार्च में लॉकडाउन के बाद टनकपुर डिपो की बस सेवाओं को बंद कर दिया गया था. जबकि, लॉकडाउन से पहले तक 80 बसें संचालित हो रही थी. उस दौरान रोजाना 14 से 15 लाख की इनकम हो रही थी. वहीं, बाद में अनलॉक-1 में कुछ लोकल सेवाओं को चलाने के निर्देश के बाद से 10 से 12 बस सेवाओं को संचालित किया जा रहा था. जिससे डिपो को होने वाली इनकम मात्र 40 से 50 हजार होकर रह गई थी.