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बचपन में की मजदूरी अब टोक्यो पैरालंपिक में दिखाएगा कमाल, ये है 75 मेडल जीतने वाले मनोज का सफरनामा - गौरव खन्ना

रुद्रपुर के पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मनोज सरकार 24 अगस्त 2021 से टोक्यो में आयोजित होने वाले पैरालंपिक गेम में प्रतिभाग करेंगे. इन दिनों मनोज लखनऊ में प्रैक्टिस कर रहे हैं. इस खिलाड़ी के बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे की बचपन में इसे मजदूरी भी करनी पड़ी थी.

Rudrapur
रुद्रपुर

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Published : Aug 10, 2021, 6:01 PM IST

Updated : Aug 17, 2021, 5:00 PM IST

रुद्रपुरःटोक्यो में 24 अगस्त 2021 से आयोजित होने वाले पैरालंपिक गेम-2020 में उत्तराखंड के एकमात्र पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मनोज सरकार खेलते दिखाई देंगे. उधमसिंह नगर के पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मनोज सरकार उत्तराखंड से टोक्यो पैरालंपिक गेम में प्रतिभाग करने जाएंगे. मनोज सरकार टोक्यो पैरालंपिक 2020 में शामिल होने वाले राज्य के पहले खिलाड़ी बन गए हैं. टोक्यो पैरालंपिक में मनोज सरकार पैरा बैडमिंटन की SL-3 एकल कैटेगरी में खेलेंगे. अभी वह लखनऊ में अभ्यास कर रहे हैं.

मई 2021 में स्पेन में होने वाली अंतरराष्ट्रीय स्पेनिश पैरा बैडमिंटन प्रतियोगिता, टोक्यो ओलंपिक क्वालीफायर का अंतिम मुकाबला था. लेकिन कोविड-19 के कारण भारतीय पैरा बैडमिंटन टीम इसमें प्रतिभाग नहीं कर पाई थी. अब टोक्यो में 1 सितंबर से 5 सितंबर तक आयोजित होने वाली पैरा बैडमिंटन प्रतियोगिता में उत्तराखंड के मनोज सरकार भारत की तहफ से प्रतिभाग करेंगे. मनोज उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर शहर के रहने वाले हैं. जल्द ही मनोज सरकार टोक्यो के लिए रवाना होंगे. टोक्यो में क्वालीफाई होने का उन्होंने पूरा श्रेय भारतीय पैरा बैडमिंटन टीम के हेड कोच गौरव खन्ना को दिया है.

मनोज सरकार का सफरनामाःमनोज सरकार का जन्म 12 जनवरी 1990 को रुद्रपुर में हुआ है. उन्होंने हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई जनता इंटर कॉलेज रुद्रपुर से की. इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन रुद्रपुर डिग्री कॉलेज से किया. इस दौरान वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेलते रहे. वर्ल्ड रैंकिंग सिंगल में मनोज सरकार तीसरे पायदान पर हैं, जबकि डबल्स में पहले नंबर पर हैं. 2012 में एशियन पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप विजेता रहे हैं. इसके अलावा फ्रेंच पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट सिंगल और डबल में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. मनोज सरकार 2013 BWF पैरा बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में डबल में गोल्ड और ब्रांज मेडल जीत चुके हैं.

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2014 इंडोनेशिया पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में सिंगल में सिल्वर मेडल और डबल में ब्रांज मेडल जीत चुके हैं. इसके अलावा इंग्लैंड में आयोजित हुए 2015 BWF बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप सिंगल में ब्रांज मेडल और डबल में डबल में गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुके हैं. बीजिंग 2016 BWF एशियन पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में सिंगल में गोल्ड और डबल में ब्रांज मेडल जीत चुके हैं.

वहीं साउथ कोरिया में आयोजित 2017 BWF पैरा बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप मैन सिंगल में सिल्वर मेडल अपने नाम कर चुके हैं. जकार्ता इंडोनेशिया में आयोजित 2018 एशियन पैरा गेम्स के सिंगल में ब्रांज और डबल में भी ब्रांज मेडल जीत चुके हैं. इसके अवाला 2018 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है.

वहीं बासेल स्विट्जरलैंड में आयोजित 2019 BWF पैरा बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के सिंगल प्रतियोगिता में ब्रांज और डबल में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. मनोज सरकार अब तक 47 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं. इसमें उन्होंने 18 गोल्ड, 12 सिल्वर और 17 ब्रांज मेडल जीते हैं. इसके अलावा 28 नेशनल मैच मनोज सरकार खेल चुके हैं. जिसमें से 20 गोल्ड, 5 सिल्वर और 3 ब्रांज मेडल अपने नाम कर चुके हैं.

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ऐसे शुरू हुआ बैडमिंटन के साथ सफरःमनोज सरकार को शुरू से ही बैडमिंटन खेलने का शौक था. बचपन में वह अपने इलाके में बच्चों के साथ खेलते थे. धीरे-धीरे बैडमिंटन की ओर उनका रूझान बढ़ने लगा. साल 2010 में उनकी मुलाकात वीके जैन से हुई, जिसके बाद उन्होंने उन्हें कोच गौरव खन्ना से मिलाया.

2010 में पैरा बैडमिंटन में हुआ सिलेक्शनः2010 में मनोज का सलेक्शन पैरा बैडमिंटन में हुआ. 2011 में उन्होंने पहला नेशनल मैच बेंगलुरु में खेला. बेंगलुरु में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए उन्होंने सिंगल और डबल दोनों मैचों में गोल्ड हासिल किया. 2012 में उन्होंने पहली बार फ्रेंच पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में प्रतिभाग किया. इस दौरान उन्होंने अपने बेहतर प्रदर्शन से सिंगल और डबल दोनों में गोल्ड मेडल हासिल किया.

बैडमिंटन खरीदने के लिए नहीं थे रुपयेःमनोज सरकार कहते हैं कि शुरुआत में उनके पास बैडमिंटन खरीदने के लिए रुपये नहीं थे. उस वक्त उनकी मां ने मजदूरी कर रुपये इकट्ठा किए और उन्हें बैडमिंटन खरीदकर दिया. उन्होंने बताया कि उनका बचपन बेहद कठिनाइयों में बीता. घर की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह अपने माता-पिता के साथ काम पर भी जाते थे. उनकी मां जमुना सरकार बीड़ी बनाने और पिता मनिंदर सरकार पेंटर का काम करते थे.

मां की साड़ी को बनाया नेट:उन्होंने बताया कि उनका बचपन आसानी से नहीं बिता. एक पल याद करते हुए वह बताते हैं कि शुरू में जब नेट नहीं था तो अपनी मां की साड़ी को ही नेट बना कर प्रेक्टिस किया करते थे.

Last Updated : Aug 17, 2021, 5:00 PM IST

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