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किसान आंदोलन के समर्थन में 10 दिन से धरना दे रहीं बाजपुर की छात्राएं

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसानों का विरोध प्रदर्शन 25वें दिन भी जारी है. किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं. तो वहीं, उधम सिंह नगर के बाजपुर में भी छात्राएं 10 दिन से केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दे रहीं हैं.

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बाजपुर न्यूज

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Published : Dec 20, 2020, 9:47 PM IST

बाजपुर:कृषि कानूनों के विरोध दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में उधम सिंह नगर के बाजपुर में छात्राओं द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. छात्राओं के धरना प्रदर्शन का आज 10वां दिन था. इस दौरान छात्राओं ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.

बता दें, जहां एक तरफ कड़ाके की सर्दी ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है, तो वहीं दिल्ली में धरना दे रहे किसानों के समर्थन में बाजपुर के भगत सिंह चौक पर स्कूली छात्राओं का धरना प्रदर्शन जारी है. जिनके समर्थन में विभिन्न संगठनों के लोग और छात्र-छात्राएं मौके पर पहुंच रहे हैं. छात्राओं का कहना है कि कृषि कानून किसानों के लिए लाभदायक नहीं है. कृषि कानून से किसानों के अधिकार छीनने का केंद्र सरकार प्रयास कर रही है.

किसानों के समर्थन में 10 दिन से धरना दे रहीं बाजपुर की छात्राएं.

उन्होंने कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होता तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. वहीं, छात्राओं का समर्थन कर रहीं सुनीता बाजवा ने कहा कि उनके पति दिल्ली में धरना दे रहे हैं, तो वह बाजपुर में छात्राओं के धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेकर कृषि कानून का विरोध कर रहीं हैं.

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विरोध प्रदर्शन में मरे किसानों को अर्पित की श्रद्धांजलि

कृषि कानून के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसान संगठनों के आह्वान पर उन किसानों को श्रद्धांजलि दी जा रही है. जिनकी दिल्ली बॉर्डर पर धरने के दौरान मौत हो गई है. जिला मुख्यालय रुद्रपुर में भी संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले तमाम किसान संगठनों व राजनीतिक दलों द्वारा श्रद्धांजलि दी गयी.

विरोध में मरे किसानों को दी श्रद्धांजलि.

रविवार सुबह किसान संगठन रणजीत पार्क में एकत्रित हुए. जहां पर उन्होंने मृतक किसानों के लिए दो मिनट का मौन रखते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. इस दौरान किसानों और राजनीतिक दलों के लोगों ने कहा कि भारत सरकार द्वारा बनाये गए कृषि कानून का किसानों द्वारा विरोध किया जा रहा है. जब तक ये कानून वापस नहीं होंगे वह मोर्च पर डटे रहेंगे.

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