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बदमाशों को SSP का अल्टीमेटम, सरेंडर करो... नहीं तो होगा एनकाउंटर

एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बदमाशों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बदमाश 15 दिन में सरेंडर नहीं करते तो पुलिस एनकाउंटर तक कर सकती है.

Udham Singh Nagar SSP
बदमाशों को SSP का अल्टीमेटम

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Published : Jul 21, 2020, 4:33 PM IST

Updated : Jul 21, 2020, 4:46 PM IST

रुद्रपुर: उधम सिंह नगर में अब बदमाशों की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बदमाशों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बदमाश 15 दिन में सरेंडर नहीं करते तो पुलिस एनकाउंटर तक कर सकती है. इसके साथ ही एसएसपी ने एक सप्ताह में वांछित चल रहे अपराधियों को पकड़ने का निर्देश दिया है. जिले के 45 इनामी बदमाशों को चेतावनी देते हुए एसएसपी ने 15 दिन के अंदर सरेंडर करने को कहा है. एसएसपी के मुताबिक अगर अपराधी सरेंडर नहीं करते तो पुलिस एनकाउंटर से परहेज भी नहीं करेगी.

बदमाशों को SSP का अल्टीमेटम.

एसएसपी ने कहा कि जिले में 144 लोग अलग-अलग मामलों में वांछित चल रहे हैं, जिन्हें एक सप्ताह के भीतर गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया है. एसएसपी दलीप सिंह कुंवर के मुताबिक जिले में 45 इनामी बदमाश फरार चल रहे हैं. बदमाशों पर 10 से 20 हजार रुपए का इनाम घोषित है. ऐसे में अगर अपराधी सरेंडर नहीं करते तो पुलिस एनकाउंटर जैसी कड़ी कार्रवाई भी कर सकती है. फरार इनामी बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस विशेष अभियान भी चला रही है.

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कब किया जाता है एनकाउंटर?

अधिकतर एनकाउंटर दो मौकों पर किए जाते हैं. पहला, जब आरोपी या अपराधी के पास घातक शस्त्र हो और अपराधी पुलिस पर हमला कर रहा हो. वही, दूसरे मामले में आरोपी या अपराधी पुलिस के गिरफ्त से भागने की कोशिश करे. इस दौरान पुलिस के पास गोली चलाने के सिवाय कोई भी उपाय न बचा हो, तब पुलिस एनकाउंटर कर सकती है. आम तौर पर लगभग सभी तरह के एनकाउंटर में पुलिस आत्मरक्षा के दौरान हुई कार्रवाई का जिक्र ही करती है. सीआरपीसी की धारा 46 कहती है कि अगर कोई अपराधी खुद को गिरफ्तार होने से बचाने की कोशिश करता है या पुलिस की गिरफ्त से भागने की कोशिश करता है या पुलिस पर हमला करता है तो इन हालात में पुलिस उस अपराधी पर जवाबी हमला कर सकती है.

एनकाउंटर की जांच जरूरी

सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में पुलिस एनकाउंटर के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया था. पुलिस मुठभेड़ के सभी मामलों की जांच सीबीआई या सीआईडी जैसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए. जांच खत्म होने तक एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों को प्रमोशन या वीरता पुरस्कार नहीं मिलता है. अदालत के निर्देशों के मुताबिक पुलिस मुठभेड़ के सभी मामलों में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दखल नहीं देगा, जब तक इस बात की पूरी आशंका हो कि एनकाउंटर फर्जी था.

Last Updated : Jul 21, 2020, 4:46 PM IST

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