काशीपुर/चंपावत/चमोली: देश के महान इंजीनियर और भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की 158वीं जयंती उत्तराखंड में धूमधाम से मनाई गई. कई जिलों में इंजीनियरों ने मरीजों को फल बांटे. साथ ही कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यकर्मों का भी आयोजन किया गया.
उत्तराखंड में धूमधाम से मनाई गई मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती बता दें कि हर साल 15 सितंबर को पूरे देश में इंजिनियर दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन देश के महान इंजिनियर भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को समर्पित है. उनका जन्म 15 सितंबर 1861 को हुआ था. वह भारत के सिर्फ महान इंजिनियर ही नहीं बल्कि अर्थशास्त्री, स्टेट्समैन के साथ-साथ देश के राष्ट्र निर्माता भी रहे. उन्होंने प्राकृतिक स्रोतों से घर-घर पानी की आपूर्ति और गंदे पानी की निकासी के लिए नालियों के निर्माण, बांध और नहर के निर्माण करवाये. साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में भी उल्लेखनीय काम किया.
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उन्होंने ना सिर्फ इंजीनियरिंग के मैदान में असाधारण काम किया बल्कि कुछ मौकों पर देशभक्ति की ऐसी मिसाल पेश की जो अनुकरणीय है. साल 1905 में उनको ब्रिटिश शासन की ओर से कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द इंडियन एंपायर से सम्मानित किया गया. वहीं साल 1955 में उनको भारत रत्न ने नवाजा गया.
काशीपुर
इंजीनियर डे के मौके पर काशीपुर में सभी विभागों के इंजीनियरों ने मिलकर लोक निर्माण विभाग में पौधारोपण किया. उसके बाद सभी इंजीनियर राजकीय चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को फल बांटे. इस मौके पर सिंचाई विभाग, विद्युत विभाग, लोक निर्माण विभाग, उत्तराखंड पेयजल निगम, जल संस्थान, पिटकुल, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग व लघु सिंचाई विभाग के इंजीनियरों ने हिस्सा लिया.
चंपावत
इंजीनियर दिवस के अवसर पर जिलेभर के इंजीनियरों ने जिला अस्पताल में मरीजों को फल बांटकर और रक्त दान कर महान इंजीनियर भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्रवरैया की जयंती मनाई. वहीं उनके चित्र का माल्यार्पण भी किया गया.
चमोली
भारत के महान अभियंता और भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्ररैया के जन्मदिन पर चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर में धूमधाम से इंजीनियर डे मनाया गया. इस अवसर पर लोकनिर्माण विभाग गोपेश्वर के निरक्षण भवन के मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. वहीं इंजीनियरों ने स्वेच्छा से जिला अस्पताल गोपेश्वर स्थित ब्लड बैंक में जाकर रक्त दान भी किया.