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Kunda firing case: आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी न होने से भड़का सिख समाज, बोले- नहीं करेंगे अस्थि विसर्जन

कुंडा फायरिंग प्रकरण में आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी न होने से सिख समाज आक्रोशित है. सिख समाज ने जल्द से जल्द मामले में कार्रवाई और यूपी में गुरताज और उसके परिवार के खिलाफ मुकदमे वापस लेने की मांग की है.

Kunda firing case:
आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी न होने से भड़का सिख समाज

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Published : Oct 14, 2022, 8:36 PM IST

Updated : Oct 14, 2022, 9:22 PM IST

काशीपुर: कुंडा थाना क्षेत्र के भरतपुर ग्राम में यूपी पुलिस की दबिश के दौरान की गई गोलीबारी में जसपुर के ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख की पत्नी की मौत के दो दिन बीत जाने के बाद यूपी पुलिस के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिससे सिख समाज में रोष व्याप्त है. आज सिख समाज से पहुंचे लोगों ने कहा 20 अक्टूबर तक अगर दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो मृतका गुरजीत कौर की अस्थियां प्रवाहित नहीं की जाएंगी.

ऑल इंडिया सिख प्रतिनिधि बोर्ड उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सरदार सुरेंद्र सिंह फलोडिया ने आज देर शाम गुरताज भुल्लर के घर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि यूपी और उत्तराखंड की भाजपा सरकारों ने समाज को चिढ़ाने का काम किया है. घटना उत्तराखंड के कुंडा थाना क्षेत्र में घटित होने के बाद जहां यूपी पुलिस ने पीड़ित परिवार के खिलाफ यूपी में संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज कर दिए हैं. उन्होंने कहा दोनों सरकारों ने सिख समाज को उसकी औकात बताने का काम किया है.

वहीं, गुरताज भुल्लर के निवास पर पहुंचे सिख संगठनों के नेता ने गुरप्रीत कौर की हत्या और अंकिता भंडारी की हत्या को लेकर दोहरा मापदंड अपनाने का सनसनीखेज़ आरोप लगाया है. बीते दिनों प्रदेश में हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड से उक्त मामले से तुलना करते हुए कहा अंकिता के परिवार के साथ हम पहले भी खड़े थे और आज भी खड़े हैं, लेकिन अफसोस की बात है कि अंकिता हत्याकांड के बाद पूरी सरकार और प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन सिख समुदाय की गुरप्रीत कौर की हत्या के इतना टाइम बीतने के बाद भी अपराधी पकड़े नहीं जा रहे हैं.

आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी न होने से भड़का सिख समाज

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उन्होंने सवाल उठाया कि क्या हमें अल्पसंख्यक होने के नाते त्वरित न्याय नहीं मिल रहा है? उन्होंने कहा अंकिता भंडारी भी हमारी बेटी थी. हम उसके लिए भी न्याय की बात करते हैं. उन्होंने कहा सरकार ने अंकिता भंडारी और गुरप्रीत कौर के बीच में साफ तौर पर फर्क समझा दिया है. अंकिता भंडारी की हत्या के बाद उनके घर प्रदेश के मुख्यमंत्री, डीजीपी, गृह सचिव सहित तमाम जनप्रतिनिधि पहुंच गए थे, लेकिन गुरप्रीत कौर की हत्या के 2 दिन बाद तक भी न तो मुख्यमंत्रीऔर न ही कोई मंत्री पहुंचा.

उन्होंने कहा कि हमने परिवार के साथ बैठकर यह फैसला लिया है कि 20 अक्टूबर को गुरप्रीत कौर का भोग है, लेकिन जब तक गुरप्रीत कौर के हत्या के दोषी पुलिस कर्मियों की की गिरफ्तारी नहीं होती, यूपी पुलिस के द्वारा यूपी में गुरताज तथा उसके परिवार के खिलाफ लिखा गया मुकदमा वापस नहीं होते है तब तक गुरप्रीत कौर के अस्थि विसर्जन नहीं किया जाएगा.

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उन्होंने कहा कि उसका अस्थि कलश लेकर सारे महापुरुषों के संरक्षण में तथा सिख समाज और सारी सिख जत्थे बंदियों को साथ लेकर के आंदोलन करेंगे. तराई सिख महासभा के अध्यक्ष प्रीतम सिंह संधू ने कहा जब दोनों प्रदेशों में सत्तारूढ़ भाजपा से जुड़े व्यक्ति को न्याय नहीं मिल रहा है तो आम आदमी को कैसे मिलेगा. घटना के पांच घंटे बाद पीड़ित परिवार से मुख्यमंत्री की बात हुई कि मामले में न्याय होगा ,लेकिन इसके विपरीत ठाकुरद्वारा पुलिस ने पीड़ित परिवार के विरूद्ध ही एफआईआर दर्ज कर दी है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है.

Last Updated : Oct 14, 2022, 9:22 PM IST

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