उधम सिंह नगर:राज्य में बेरोजगारी दूर करने के लिए सरकार द्वारा स्थापित किया गया सिडकुल (उत्तराखंड राज्य औद्योगिक विकास निगम) अब लोगों की जिंदगी में जहर घोलने का काम कर रहा है. फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं और गंदा पानी लोगों को मौत बांट रहा है. जानें क्या है मामला ईटीवी भारत की इस खास रिपोर्ट में...
तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार ने पहाड़ के लोगों के लिए उधम सिंह नगर मुख्यालय में सिडकुल (State Industrial Development Corporation of Uttarakhand) की स्थापना की थी. धीरे-धीरे सिडकुल में सैकड़ों कपनियां स्थापित हुईं. सिडकुल के अस्तित्व में आने के बाद भले ही उत्तराखंड की 70 फीसदी जनता को रोजगार देने का दवा पूरा न हुआ हो. लेकिन, सिडकुल स्थित फैक्ट्रियों के धुएं और रासायनिक वेस्ट ने लोगों की जीना मुश्किल कर दिया है.
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अब उधम सिंह नगर की आबोहवा इतनी दूषित हो गई है कि आसपास के इलाकों में गम्भीर बीमारियां फैलने लगी हैं. नलों का पानी पीने लायक नहीं रह गया है. आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में हुए खुलासे में सामने आया है कि साल 2017 में 325 से ज्यादा लोगों की मौत प्रदूषण के कारण हो चुकी है.