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सिडकुलः होना था विकास हो रहा 'विनाश', जिंदगी में घुल रहा 'जहर'

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Published : Jun 5, 2019, 5:08 PM IST

Updated : Jun 5, 2019, 5:25 PM IST

उधम सिंह नगर सिकडुल एरिया और उसके आसपास के इलाकों में सैकड़ों कपनियां स्थापित हैं, जो लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रही हैं.

जिंदगी में 'जहर' घोल रहीं कंपनियां.

उधम सिंह नगर:राज्य में बेरोजगारी दूर करने के लिए सरकार द्वारा स्थापित किया गया सिडकुल (उत्तराखंड राज्य औद्योगिक विकास निगम) अब लोगों की जिंदगी में जहर घोलने का काम कर रहा है. फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं और गंदा पानी लोगों को मौत बांट रहा है. जानें क्या है मामला ईटीवी भारत की इस खास रिपोर्ट में...

जिंदगी में 'जहर' घोल रहीं कंपनियां.

तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार ने पहाड़ के लोगों के लिए उधम सिंह नगर मुख्यालय में सिडकुल (State Industrial Development Corporation of Uttarakhand) की स्थापना की थी. धीरे-धीरे सिडकुल में सैकड़ों कपनियां स्थापित हुईं. सिडकुल के अस्तित्व में आने के बाद भले ही उत्तराखंड की 70 फीसदी जनता को रोजगार देने का दवा पूरा न हुआ हो. लेकिन, सिडकुल स्थित फैक्ट्रियों के धुएं और रासायनिक वेस्ट ने लोगों की जीना मुश्किल कर दिया है.

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अब उधम सिंह नगर की आबोहवा इतनी दूषित हो गई है कि आसपास के इलाकों में गम्भीर बीमारियां फैलने लगी हैं. नलों का पानी पीने लायक नहीं रह गया है. आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में हुए खुलासे में सामने आया है कि साल 2017 में 325 से ज्यादा लोगों की मौत प्रदूषण के कारण हो चुकी है.

आरटीआई कार्यकर्ता व स्थानीय लोगों की मानें तो क्षेत्र में लोगों को काला पीलिया, लिवर आखों का इंफेक्शन जैसी गंभीर बीमारियां हो रही हैं. सिडकुल क्षेत्र के आसपास के घरों में इतनी डस्ट है कि हवा के साथ ये उनकी जिंदगी में भी घुल रही है.

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आरटीआई कार्यकर्ता हिमांशु चन्दोला ने बताया कि उनके द्वारा हाई कोर्ट में पीआईएल भी दायर की गई है. इसमें 180 से ज्यादा फैक्ट्रियों को रेड जोन में डालते हुए बन्द करने के आदेश भी जारी किए गए थे, लेकिन सिडकुल में अधिकांश फैक्ट्रियां धड़ल्ले से नियमों के विरूद्ध चल रही हैं.

डॉक्टर भी मान रहे हैं कि प्रदूषण के कारण जिला अस्पताल में मरीजों की तादाद में बढ़ोत्तरी हुई है. कई बार इलाज के दौरान लोगों की मौत भी हो जाती है. अधितकर मौतों का कारण जल व वायु प्रदूषण से उत्पन्न होने वाली बीमारियां रही हैं.

Last Updated : Jun 5, 2019, 5:25 PM IST

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