रुद्रपुर: कहावत है कि जर, जोरू और जमीन के लिए लोग रिश्तों को भूल जाते हैं. ऐसा की कुछ मामला उधमसिंहनगर के रुद्रपुर से आया है. यहां संपत्ति के चक्कर में अपने ही 'अपनों' की जान ले ली. रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप थानाक्षेत्र के राजा कॉलोनी में कलयुगी बेटी और दामाद ने संपत्ति के लालच में पूरे परिवार का खात्मा कर दिया है. ईटीवी भारत अपनी इस खास रिपोर्ट पर बताने जा रहा है कि आखिर कैसे जमीन के चंद टुकड़ों के लिए रिश्ते शर्मसार हुए हैं.
ऐसे शुरू होती है कहानी...
ट्रांजिट कैंप थानाक्षेत्र के राजा कॉलोनी में हीरालाल अपनी पत्नी हेमवती, बेटी लीलावती, दुर्गा और पार्वती के साथ रहते थे. हीरालाल मूल रूप से बरेली के पैगानगरी तहसील मीरगंज के रहने वाले थे और वर्ष 2006 में वह अपनी 5 बीघा जमीन बेचकर रुद्रपुर आ गए थे. इस दौरान उन्होंने अपने पुश्तैनी जमीन और घर गांव के ही एक शख्स को बंटाई के लिए दे दिया था.
रुद्रपुर आने के बाद हीरालाल ने राजा कॉलोनी में एक मकान खरीदा. इस दौरान हीरालाल की बड़ी बेटी लीलावती ने वर्ष 2005 में बरेली के नरेंद्र गंगवार नाम से शख्स से प्रेम विवाह कर लिया. साल 2006 से 2015 तक दामाद नरेंद्र घर जमाई बनकर हीरालाल के परिवार के साथ ही रहने लगा.
इस दौरान दामाद नरेंद्र अपने ससुर हीरालाल से संपत्ति में हिस्सा देने की डिमांड करने लगा, जिसकी वजह से ससुर और दामाद के बीच अक्सर लड़ाई होती थी. संपत्ति में हिस्सा न मिलता देख नरेंद्र ने अपने ससुराल के पास ही प्लॉट खरीदकर मकान बनवाया और पत्नी लीलावती के साथ उस मकान में शिफ्ट हो गया.
रुद्रपुर हत्याकांड में कब क्या हुआ. ससुर की संपत्ति पर नजर गड़ाए हुए नरेंद्र किसी भी हद तक गुजर जाने को तैयार था. नरेंद्र की अपने ससुर हीरालाल की प्रॉपर्टी पर नजर थी और वह ससुर की सारी प्रॉपर्टी किसी तरह से अपने नाम करवाना चाहता था. 20 अप्रैल 2019 को उसे ये मौका मिला. इस दिन नरेंद्र ने अपने दोस्त विजय के साथ मिलकर सास, ससुर और दोनों सालियों की हत्या की और शवों को उनके ही घर में ही गड्ढा खोदकर दफन कर दिया.
रिश्तेदार के शक के बाद हुआ खुलासा
लगभग डेढ़ साल पहले हत्या कर दफनाए गए 4 शवों के बारे में किसी को कानों-कान खबर भी नहीं हुई. इस दौरान हर समय हीरालाल के मकान पर ताला लटकता रहा. बीते 25 अगस्त को आरोपी दामाद नरेंद्र बंटाई का पैसा लेने बरेली के मीरपुर पहुंचा और हीरालाल के रिश्तेदार दुर्गा प्रसाद से पैसों की मांग की.
जब दुर्गाप्रसाद ने नरेंद्र से हीरालाल के बारे में पूछा तो उसने बताया कि एक साल पहले हीरालाल की मौत हो गई और सास घर छोड़कर कहीं चली गई हैं. जबकि, उनकी दोनों बेटियां किसी के साथ भाग गईं. इस दौरान दुर्गा प्रसाद को दामाद नरेंद्र की बातों पर शक हुआ. उन्होंने रुद्रपुर आकर राजा कॉलोनी के लोगों से पूछताछ शुरू कर दी. जब इस बारे में दुर्गा प्रसाद को कोई जानकारी हासिल नहीं हुई तो उन्होंने रुद्रपुर पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी.
16 महीनों से दफन 'परिवार' का खुला राज. ये भी पढ़ें:रुद्रपुर: संपत्ति के लिए बेटी और दामाद ने पूरे परिवार का किया खात्मा, 3 गिरफ्तार
नरेंद्र ने ऐसे खेला खूनी खेल
बंटाईदार की शिकायत के बाद हरकत में आई रुद्रपुर पुलिस ने राजा कॉलोनी के लोगों से पूछताछ शुरू की, जिसके आधार पर पुलिस ने हीरालाल के दामाद नरेंद्र और उसके दोस्त विजय को पूछताछ के लिए बुलाया. शुरुआती पूछताछ में नरेंद्र और विजय ने पुलिस को खूब इधर-उधर घूमाया. लेकिन, जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो पूरा मामला साफ हो गया.
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी. पुलिस के मुताबिक, नरेंद्र ने बताया कि 20 अप्रैल की सुबह लगभग साढ़े पांच बजे जब सास और एक साली दूध लेने के लिए घर से बाहर गईं तो उसे मौका मिल गया. पहले उसने ससुर और घर में मौजूद एक साली की हत्या की और उसके बाद घर वापस लौटी सास और दूसरी साली को भी मौत के घाट उतार दिया. घटना के अगले दिन मकान मरम्मत का बहाना बनाकर नरेंद्र ने अपने दोस्त विजय के साथ मिलकर घर में गड्ढा खोदा और चारों शवों को दफना दिया. इस दौरान आरोपी दामाद पड़ोसियों को यह बताता रहा कि उसके ससुर हीरालाल ने मकान बेच दिया है और नए मकान मालिक द्वारा घर की मरम्मत कराई जा रही है.
हत्या से पहले पत्नी को छोड़ा बरेली
पुलिस पूछताछ ने आरोपी नरेंद्र ने बताया कि हत्या से पहले 10 दिनों के लिए उसने अपनी पत्नी को बरेली छोड़ दिया था. लेकिन, पुलिस को नरेंद्र की बातों पर यकीन नहीं है. रुद्रपुर पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक जिसका पूरा परिवार 16 महीनों से गायब चल रहा है, उसने अपने परिवार को खोजने के लिए एक बार भी पुलिस से मदद गुहार नहीं लगाई.
वहीं, पुलिस पूछताछ में मृतक हीरालाल की बेटी लीलावती का कहना है कि घटना से 10 दिन पहले उसके पति ने उसे फूफा के घर छोड़ दिया था. वापस लौटने पर जब उसने पति नरेंद्र से मां-पिता और बहनों के बारे पूछा तो उसने पूरे परिवार को हल्द्वानी शिफ्ट होने की बात बताई.
लीलावती का दावा है कि कुछ महीने पहले भी उसने अपने पति से मां-पिता के बारे में फिर से पूछताछ की तो, उसने इधर-उधर की बातें बताने लगा. हालांकि पुलिस को लीलावती द्वारा दिया गया बयान गले से नीचे नहीं उतर रहा है. ऐसे में पुलिस लगातार लीलावती से पूछताछ कर रही है.
खुदाई में मिले चार नर कंकाल
सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा करते हुए कुमाऊं आईजी अजय रौतेला ने बताया कि मूल रूप से बरेली के मीरगंज निवासी 65 वर्षीय हीरालाल वर्ष 2006 में परिवार के साथ राजा कॉलोनी ट्रांजिट कैंप में बस गए थे. उनके पास गांव में 18 बीघा जमीन और मकान था. गांव छोड़ने से पहले उन्होंने 5 बीघा जमीन बेच दी थी और इससे मिले रुपए से रुद्रपुर में मकान बनवाया था.
16 महीने से एक परिवार के गायब होने की शिकायत मिलने पर पुलिस ने आरोपी नरेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने सारे राज खोल दिए. आरोपी ने जब अपने गुनाहों की दास्तां बताई तो पुलिस अधिकारी भी हक्के-बक्के रह गए. आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने मौके से खुदाई कर 4 नरकंकाल बरामद किए हैं.
पूरे जिले में मचा हड़कंप
संपत्ति के लिए पूरे परिवार की हत्या की खबर से पूरे उधमसिंह नगर जिले में हड़कंप मचा है. घर से 4 नरकंकाल मिलने की सूचना पर पूरा प्रशासनिक अमला राजा कॉलोनी में जुटा रहा. घटना की सूचना के बाद साढ़े तीन बजे ट्रांजिट कैंप पुलिस सबसे पहले मौके पर पहुंची, जिसके बाद एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा, एसपी क्राइम भी मौके पर पहुंचे और फॉरेंसिंक टीम की मदद से घटनास्थल का निरीक्षण किया. घटना की जानकारी मिलते ही शाम 4 बजे आईजी कुमाऊं अजय रौतेला भी मौके पर पहुंचे. इस दौरान आईजी कुमाऊं और एसएसपी उधमसिंह नगर ने हीरालाल के पड़ोसियों से भी पूछताछ की और जरूरी जानकारी जुटाई.
खुलासे पर अधिकारियों ने थपथपाई पीठ
चार लोगों की हत्याकांड का खुलासा होने के बाद आईजी कुमाऊं अजय रौतेला और एसएसपी ने ट्रांजिट कैंप एसओ और पुलिसकर्मियों की पीठ थपथपाई. उन्होंने बताया कि मौखिक सूचना के बाद ट्रांजिट कैंप पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और आरोपी दामाद नरेंद्र और उसके दोस्त से पूछताछ की तो घटना का खुलासा हुआ. आईजी अजय रौतेला ने पुलिस टीम को 5 हजार रुपए और एसएसपी ने ढाई हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की है.