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कृषि वैज्ञानिकों ने तैयार किया ड्रोन, फसलों में लगने वाले रोगों का लगाएगा पता - Identification of diseases in crops with the help of drones

कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा खेती में प्रयोग किए जाने वाला ड्रोन तैयार किया गया है. ड्रोन की मदद से फसलों में लगने वाले रोगों की पहचान कर कीटनाशक स्प्रे छिड़काव का काम किया जाएगा.

agricultural university scientists
कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक

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Published : Mar 24, 2022, 4:22 PM IST

Updated : Mar 24, 2022, 4:39 PM IST

रुद्रपुरःखेती को आधुनिक बनाने के लिए देश के कृषि वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसी कड़ी में पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक की टीम द्वारा एक ड्रोन बनाया गया है, जो मजदूर की जगह काम करेगा. इससे किसान खेत में स्प्रे कर अपनी खराब होती फसल को बचा सकता है. इससे किसान की मजदूरी भी बचेगी जो छिड़काव के लिए मजदूर को राशि के रूप में दी जाती है.

पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के शोध निदेशालय की देख रेख में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और छात्रों ने उत्तराखंड का पहला कमर्शियल ड्रोन तैयार किया है. ये ड्रोन कुछ ही मिनटों में कई हेक्टेयर भूमि में स्प्रे कर सकता है. गुरुवार को कुलपति तेज प्रताप सिंह और निदेशक शोध अजीत नैन द्वारा ड्रोन का शुभारंभ किया. साथ ही ड्रोन की मदद से गेहूं के खेत में स्प्रे भी किया गया.

कृषि वैज्ञानिकों ने तैयार किया ड्रोन

15 मिनट में एक हेक्टेयर भूमि पर छिड़कावः निदेशक शोध डॉक्टर अजीत नैन ने बताया कि ड्रोन का इस्तेमाल अब कृषि में होने लगा है. जिससे किसानों की लागत को कम किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार ड्रोन की मदद से रसायनिक कीटनाशकों का छिड़काव किया जाएगा. ड्रोन 15 मिनट में एक हेक्टेयर भूमि में छिड़काव कर सकता है.
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ड्रोन पर लगाया जाएगा मल्टी स्पेक्टर कैमराः विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक अब इस ड्रोन की मदद से फसल में लगने वाले डिजीज (रोग) की पहचान कर उसपर कीटनाशक स्प्रे का छिड़काव करने की तैयारी कर रहे हैं. ड्रोन पर मल्टी स्पेक्टर कैमरा लगाया जाएगा. जल्द ही ड्रोन में इस तकनीक को भी ईजाद किया जा रहा है, ताकि ड्रोन की मदद से फसलों की रोगों का हाथों हाथ समाधान किया जा सके.

ड्रोन की खासियतःविश्वविद्यालय द्वारा तैयार किए गए ड्रोन की खासियत ये है कि इसे जिस स्थान से उड़ाया जाएगा. यह उसी स्थान पर आकर रुकेगा. यही नहीं, विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक अब ड्रोन में लगे कैमरे की मदद से रोग की पहचान कर उसी स्थान पर रसायनिक कीटनाशक स्प्रे कर रोग का निदान भी करेगा.

Last Updated : Mar 24, 2022, 4:39 PM IST

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