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नए सिलेबस की किताबें खरीदने को छात्रों पर दबाव नहीं बना सकते स्कूल

शिक्षा विभाग की तरफ से साफ किया गया है कि कॉपी-किताबें आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में नहीं आती हैं. इसीलिए स्कूल लॉकडाउन के दौरान छात्रों या परिजनों पर नए सिलेबस की किताबें खरीदने का दबाव नहीं बना सकते हैं. कोई स्कूल ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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Published : Apr 9, 2020, 9:03 AM IST

Updated : Apr 9, 2020, 9:53 AM IST

रुद्रपुर
रुद्रपुर

रुद्रपुर:लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर छात्रों के परिजनों से किताबें खरीदवाना स्कूल प्रबन्धक को महंगा पड़ सकता है. ऐसा करने वाले स्कूलों के खिलाफ शिक्षा विभाग कार्रवाई कर सकता है.

लॉकडाउन के दौरान स्कूल छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए सिलेबस खरीदने को मजबूर नहीं कर सकते हैं. जिला प्रशासन अब इस मामले में सख्त दिखाई दे रहा है. जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि सभी स्कूलों से लॉकडाउन का पालन कराया जाए. लॉकडाउन का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

दरअसल, लॉकडाउन के दौरान छात्रों को ऑनलाइन होमवर्क देने के साथ अभिभावकों पर नया सिलेबस खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है. कुछ अभिभावकों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की थी. इसके बाद जिलाधिकारी नीरज खैरवाल ने जिला शिक्षा अधिकारी समेत सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे लॉकडाउन का पूर्ण रूप से पालन कराएं.

शिक्षा विभाग का आदेश

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जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव हेतु देश भर में लॉकडाउन लागू है. लेकिन इस दौरान कुछ स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं. ऐसे में वे अभिभावकों पर नया सिलेबस खरीदने का भी दबाव बना रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान कोई भी स्कूल छात्रों या उनके अभिभावकों को कॉपी-किताबें खरीदने के लिए विवश नहीं कर सकता है. क्योंकि कॉपी-किताबें आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में नहीं आती हैं. बावजूद इसके यदि कोई स्कूल ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Apr 9, 2020, 9:53 AM IST

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