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नेपाली किशोर को एक महीने से बना रखा था बंधक, पुलिस ने आरोपी के चंगुल से छुड़वाया

रुद्रपुर के एक धार्मिक स्थल के संचालक ने पिछले एक माह से नेपाली किशोर को बंधक बनाकर रखा था. इस मामले में पीड़ित के भाई ने बचपन बचाओ आंदोलन संस्था से शिकायत की. जिसके बाद संस्था ने पुलिस के साथ मिलकर नेपाली किशोर को आरोपी संचालक के चंगुल से छुड़वाया.

Rudrapur police rescued Nepali teenager
नेपाली किशोर को बंधक से छुड़ाया

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Published : Apr 2, 2022, 6:23 PM IST

रुद्रपुर: एक माह से लापता नेपाली मूल के किशोर को बचपन बचाओ आंदोलन एनजीओ, चाइल्ड हेल्प लाइन और पुलिस प्रशासन ने धार्मिक स्थल से रेस्क्यू किया है. बताया जा रहा है कि एक माह से किशोर को यहां बंधक बनाकर रखा गया था. टीम ने किशोर को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया है. इस दौरान किशोर ने महंत पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

रुद्रपुर पुलिस ने बचपन बचाओ आंदोलन एनजीओ और चाइल्ड हेल्प लाइन टीम के साथ एक धार्मिक स्थल से नेपाली बच्चे का रेस्क्यू किया है. आरोप है कि धार्मिक स्थल के संचालक ने इससे पहले भी 2 साल तक बच्चे को बंधक बनाकर रखा था और उसके प्रताड़ित किया जा रहा था. फिलहाल, जिला बाल कल्याण समिति पीड़ित बच्चे की काउंसलिंग कर रही है.

दरअसल, इस नेपाली मूल के बच्चे का मां-बाप नहीं है. वो 8 साल पहले घर से भाग गया था. बच्चे के बड़े भाई रोहन ने दिल्ली में बचपन बचाओ आंदोलन की कंप्लेन सेल में भाई को रुद्रपुर में बंधक बनाने की शिकायत दर्ज कराई थी. शनिवार के रोहन को लेकर टीम रुद्रपुर पहुंची. बचपन बचाओ आंदोलन और चाइल्ड लाइन की टीम ने पुलिस के सहयोग से धार्मिक स्थल से बच्चे को बरामद कर लिया.

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इस दौरान वहां जमकर हंगामा हुआ और धार्मिक स्थल के संचालक ने बच्चे को ले जाने का विरोध किया. भारी विरोध के बावजूद पुलिस बच्चे को अपने कब्जे में ले लिया, जिसके बाद उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया. जहां किशोर का बयान दर्ज किया गया. अब सीडब्ल्यूसी मंदिर के महंत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रहा है.

पीड़ित किशोर के भाई रोहन बगाले ने बताया कि उसका भाई संस्कृत स्कूल में 7वीं क्लास तक पढ़ा हुआ है. साल 2018 में वह अचानक घर से चला गया. जिसके बाद वह वृंदावन पहुंचे. दो माह के बाद वह महंत के संपर्क में आए और वह उन्हें रुद्रपुर धार्मिक स्थल में ले आए. तीन साल मंदिर में रखने के बाद कुछ लोगों की मदद से वह वहां से भागकर दशहरे के समय अपने घर नेपाल पहुंचा था.

लगभग कुछ महीने रुकने के बाद वह दोबारा एक माह पूर्व राजस्थान धार्मिक स्थल दर्शन के लिए पहुंचा, लेकिन महंत के नेटवर्क ने फिर से उसे राजस्थान से पकड़ कर रुद्रपुर मंदिर में ले आए. इस दौरान किशोर ने किसी व्यक्ति से संपर्क कर अपने भाई को मैसेज करवाया. जिसके बाद उन्होंने दिल्ली स्थित बचपन बचाओ आंदोलन संस्था को 30 मार्च को मेल कर हेल्प मांगी, जिसके बाद टीम ने पुलिस प्रशासन की मदद से आज किशोर को धार्मिक स्थल से रेस्क्यू कर लिया.

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