काशीपुर: केंद्र सरकार की एक योजना है, जिसे संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (Members of Parliament Local Area Development Scheme) कहते हैं. आसान भाषा में कहें तो सांसद निधि वो पैसे हैं, जिनसे कोई सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में विकास का काम करवाता है. फिलहाल ये रकम पांच करोड़ रुपये सालाना है. यानि एक सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में हर साल पांच करोड़ रुपये की लागत का विकास कार्य अपनी संसदीय निधि से करवा सकता है.
सांसदों के सांसद निधि का हाल. लेकिन उत्तराखंड के सांसदों की निधि लगभग पूरी तरह से भरी हुई है. सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी के मुताबिक सूबे के वर्तमान मुख्यमंत्री एवं पौड़ी से सांसद तीरथ सिंह रावत की वर्ष 2019-20 की सांसद निधि में दिसम्बर 2020 तक केवल 8 फीसदी धनराशि खर्च हुई है. जबकि 92 फीसदी निधि डंप पड़ी है. ऐसे में रिप्ड जींस, फिर भारत को अमेरिका का गुलाम बताने और समय रहते अधिक बच्चे पैदा करने जैसे बयानों को लेकर सुर्खियों में छाए तीरथ सिंह रावत को विपक्ष सांसद निधि पर एक बार फिर घेर सकता है.
केंद्रीय मंत्री निशंक की सांसद निधि पूरी सुरक्षित
उत्तराखंड के सांसदों की 2021 के शुरुआत में 32.20 करोड़ की सांसद निधि खर्च होना शेष है. इसमें 17.68 करोड़ की सांसद निधि लोकसभा सांसदों और 14.52 करोड़ की सांसद निधि राज्य सभा सांसदों की शामिल है. यह हाल तब है जब वर्ष 2020-21 और 2021-22 की सांसद निधि भारत सरकार द्वारा स्थगित किए जाने के कारण किसी सांसद को मिली ही नहीं है.
वर्तमान मुख्यमंत्री और पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत की वर्ष 2019-20 की सांसद निधि में दिसंबर 2020 तक केवल 8 प्रतिशत धनराशि ही खर्च हुई है. जबकि हरिद्वार सांसद एवं केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियल निशंक के सांसद निधि से एक रुपए खर्च नहीं हुए हैं.
सांसद अजय टम्टा ने खर्च की 89 फीसदी निधि
अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा को ब्याज सहित 250.23 लाख की सांसद निधि स्वीकृति हेतु उपलब्ध हुई है. दिसंबर 2020 तक 89 प्रतिशत 223.75 लाख की सांसद निधि खर्च हुई है. हरिद्वार सांसद और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को 2019-20 में 250 लाख की सांसद निधि उपलब्ध हुई थी. जिसमें से कोई भी धनराशि खर्च नहीं हुई है. इतना ही नहीं इनके पिछले कार्यकाल की 10 प्रतिशत 71.25 लाख की धनराशि भी खर्च होने को शेष है.
पौड़ी सांसद और वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को 2019-20 की 250 लाख की सांसद निधि मिली है. जिसमें केवल आठ प्रतिशत 20.25 लाख की धनराशि ही दिसंबर 2020 तक खर्च हो सकी है.
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टिहरी सांसद राजलक्ष्मी शाह को 2019-20 में 250 लाख की सांसद निधि उपलब्ध हुई है. जिसमें से 77 प्रतिशत 192.46 लाख की धनराशि खर्च हो चुकी है. नैनीताल सांसद अजय भट्ट को ब्याज सहित 251.21 लाख की सांसद निधि उपलब्ध हुई है. जिसमें से 61 प्रतिशत 152.61 लाख की सांसद निधि दिसंबर 2020 तक खर्च हो सकी है.
उत्तराखंड से राज्यसभा सांसदों में प्रदीप टम्टा को 2019-20 तक ब्याज सहित 1513.11 लाख की सांसद निधि उपलब्ध हुई है. जिसमें से 86 प्रतिशत 1302.30 लाख की सांसद निधि दिसंबर 2020 तक खर्च हो चुकी है. पूर्व सांसद राजबब्बर को 2015-16 से 2019-20 तक ब्याज सहित 2286.61 लाख की सांसद निधि उपलब्ध हुई थई. जिसमें से 91 प्रतिशत 2084.52 लाख की सांसद निधि खर्च हो चुकी है. राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को 2018-19 की ब्याज सहित 504.22 लाख की सांसद निधि स्वीकृति हेतु उपलब्ध हुई है. जिसमें से 20 प्रतिशत 102.22 लाख की धनराशि ही दिसंबर 2020 तक खर्च हो सकी है.
काशीपुर के नदीमउद्दीन ने मांगी थी सूचना
काशीपुर के सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीमउद्दीन ने उत्तराखंड के ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय से सांसद निधि खर्च संबंधी सूचना मांगी थी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिसंबर 2020 के अंत तक की उत्तराखंड के लोकसभा एवं राज्यसभा सांसदों के सांसद निधि खर्च का विवरण दिया गया है. उत्तराखंड के वर्तमान लोकसभा सांसदों को 2019-20 की ही सांसद निधि मिली है.