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503 सांसदों ने नहीं दिया तय समय में संपत्ति का विवरण, सूची में कई बड़े दिग्गजों के नाम

पीएम मोदी समेत लोकसभा के 36 सांसदों ने ही तय समय में अपना और अपने आश्रितों का संपत्ति दायित्व विवरण लोकसभा सचिवालय में दिया है. आरटीआई के तहत मिली जानकरी में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत 503 सांसदों ने 10 दिसंबर 2019 तक अपना संपत्ति-दायित्व विवरण नहीं दिया है.

आरटीआई
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Published : Jan 24, 2020, 10:18 AM IST

काशीपुरः देश के चुनाव में भ्रष्टाचार नियंत्रण तथा पारदर्शिता के कितने ही दावे किये जाएं लेकिन खुद लोकसभा सांसद व मंत्री भी इसके लिये बनाये कानूनों का पालन नहीं कर रहे हैं. आरटीआई के तहत मिली जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ कि लोकसभा के केवल 36 सांसदों ने ही निर्धारित समय सीमा के अन्दर अपना व अपने आश्रितों की सम्पत्ति दायित्व विवरण लोकसभा सचिवालय में दिया है, जबकि 503 सांसदों ने 10 दिसम्बर 2019 तक अपना सम्पत्ति-दायित्व विवरण नहीं दिया है. यह खुलासा सूचना अधिकार के अन्तर्गत लोकसभा सचिवालय द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है.

503 सांसदों ने नहीं दिया संपत्ति का विवरण.

काशीपुर निवासी व सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने लोकसभा सचिवालय के लोक सूचना अधिकारी से लोकसभा सदस्य (सम्पत्ति तथा दायित्वों की घोषणा) नियम 2014 के अन्तर्गत सम्पत्ति तथा दायित्वों की घोषणा करने व न करने वाले लोकसभा सदस्यों की सूचना मांगी गयी थी. इसके उत्तर में लोकसभा सचिवालय के लोक सूचना अधिकारी द्वारा 10 दिसम्बर 2019 तक 17वीं लोकसभा के सम्पत्ति व दायित्वों की घोषणा करने व न करने वाले सदस्यों की सूचना उपलब्ध करायी गयी है.

एडवोकेट नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार लोकसभा के केवल 36 सदस्यों ने 10 दिसम्बर 2019 तक अपने सम्पत्ति-दायित्वों की घोषणा की है. इसमें 25 सांसद भाजपा, आठ टीएमसी तथा एक-एक सांसद बीजेडी, शिवसेना तथा एआईडीएमके के शामिल हैं.

नदीम को उपलब्ध सूची के अनुसार सम्पत्ति विवरण देने वाले सांसदों में भाजपा के सुरेश अंगदि, रतन लाल कटारिया, प्रहलाथ जोशी, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, पीएम नरेन्द्र मोदी, स्मृति जुबिन ईरानी, विष्णु दयाल राम, गजेन्द्र सिंह शेखावत, रविशंकर प्रसाद, नरेन्द्र सिंह तोमर, राजू बिस्ता, साध्वी निरंजन ज्योति, कैलाश चौधरी, देवाश्री चौधरी, संजय श्यामराव धोत्रे, डा. सतपाल सिंह, अनुराग शर्मा, प्रहलाद सिंह पटेल, महेश शर्मा, निशिकांत दुबे, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, राजा अमरेसवर नायक, हसंराज हंस तथा माला राज्य लक्ष्मीशाह शामिल हैं.

टीएमसी के सांसदों में सजदा अहमद, खलीलुर्रहमान, दीपक अधिकारी, माला राय, असित कुमार मल, सुदीप बंधोपाध्याय, अबु ताहिर खान तथा प्रसून बनर्जी शामिल हैं. इसके अतिरिक्त शिवसेना के गजानंद चन्द्रकांत कीर्तिकर, बीजेडी के अच्युतानंद सामनत तथा एआईडीएमके के पी. रविन्द्र नाथ कुमार शामिल हैं.

सम्पत्ति विवरण देने वालो की सूची में क्रमांक 6 पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिन्होंने 24 जुलाई 2019 को आठ पेज का सम्पत्ति विवरण दिया है, का नाम शामिल है. सम्पत्ति विवरण देने वाले उत्तराखंड के सांसदों में मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का नाम क्रमांक 5 पर तथा माला राज्य लक्ष्मीशाह का नाम क्रमांक 35 पर शामिल है. सम्पत्ति विवरण न देने वाली सूची में केन्द्रीय मंत्रिमंडल के विभिन्न मंत्रियों सहित विभिन्न पार्टियों के प्रमुख नेताओं के नाम शामिल हैं. 503 सांसदों की सूची में क्रमांक 385 पर गांधीनगर से

सांसद अमित शाह तथा 115 पर रायबरेली सांसद सोनिया गांधी तथा 114 पर वायनाड सांसद राहुल गांधी का नाम शामिल है. लोकसभा सदस्य (सम्पत्ति तथा दायित्वों की घोषणा) नियम 2004 के नियम 3 के अनुसार प्रत्येक लोकसभा सांसद को शपथ ग्रहण की तिथि से 90 दिन के भीतर अपने सम्पत्ति दायित्वों की सूचना लोकसभा सचिवालय को देने का नियम है.

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17वीं लोकसभा के सात सांसदों को छोड़कर सभी सांसदों को 10 दिसम्बर 2019 से पहले इस नियम के अन्तर्गत सम्पत्ति दायित्वों का विवरण लोकसभा सचिवालय को देना था. इन सात सांसदों में चार सांसदों जिन्होंने 18 नवम्बर 2019 को शपथ ली है तथा इस तिथि से पूर्व एक सांसद की मृत्यु, एक के इस्तीफे तथा एक के शपथ ग्रहण न करने के कारण उनका सम्पत्ति विवरण देने का दायित्व नहीं रहा.

18 नवम्बर 2019 को शपथ लेने वाले चार सांसदों में एलजेपी के प्रिंसराज, एनसीपी के श्रीनिवास दादासाहिब पाटिल, बीजेपी की हिमाद्री सिंह तथा डीएमके के डीएम काथिर आनंद शामिल हैं. रामचंद्र पासवान की 21 जुलाई 2019 को मृत्यु हो चुकी है तथा अतुल राय ने 10 दिसम्बर 2019 तक शपथ नहीं ली है तथा उदयन राजे प्रताप सिंह भोसले ने 14 सितम्बर 2019 को इस्तीफा दे दिया है.

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