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नानकमत्ता गुरुद्वारा विवाद: पदाधिकारियों के इस्तीफे नामंजूर, भूल सुधार के लिए लगाई गई धार्मिक सेवाएं

गुरुद्वारे श्री नांकमता साहिब कमेटी द्वारा दिये गए इस्तीफे को सिख पंथ की सिरमौर अदातल श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा अस्वीकार कर दिये हैं और भूल सुधार के लिए 15 दिनों तक गुरमीत मर्यादा के अनुसार धार्मिक सेवाएं लगाई गई हैं.

Rudrapur Latest News
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Published : Aug 13, 2021, 10:13 PM IST

रुद्रपुर:नानकमत्ता गुरुद्वारा विवाद मामले में श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री नानकमत्ता साहिब के कार्यवाहक महासचिव धन्ना सिंह, प्रधान सेवा सिंह और धार्मिक डेरा कारसेवा के जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हुए. इस दौरान श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिबान ने तीनों के इस्तीफे नामंजूर कर दिए. साथ ही तीनों को 15 दिन धार्मिक सेवा करने के निर्देश दिए हैं.

बता दें, 24 जुलाई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नानकमत्ता साहिब पहुंचे थे. उनके आगमन पर पर्यटन व संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित स्वागत गीत में बालिकाओं ने गुरुद्वारा परिसर में बने टिनशेड के नीचे नृत्य पेश किया था. श्री दरबार साहिब में शोर होने के चलते ग्रंथी की कथा भी रोकनी पड़ी थी. इस दौरान डेरा कारसेवा में क्षेत्रीय विधायक प्रेम सिंह राणा की ओर से मुख्यमंत्री को मुकुट भी पहनाया गया था, जो सिख पंथ की मर्यादा के खिलाफ था. संगत ने इसकी शिकायत श्री अकाल तख्त साहिब से की थी.

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने शिकायत की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी भेजी थी. संगत के आक्रोश को देखते हुए तीनों पदाधिकारियों ने श्री अकाल तख्त साहिब को अपना इस्तीफा भेज दिया था. इसके बाद गुरुवार को गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सेवा सिंह, कार्यवाहक महासचिव धन्ना सिंह और धार्मिक डेरा कार सेवा के जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के सामने पेश हुए.

पढ़ें- नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब में CM ने टेका मत्था, प्रदेश की खुशहाली के लिए की अरदास

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिबान ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पदाधिकारियों के इस्तीफे नामंजूर किए हैं और भूल सुधार का मौका दिया है. जिसके तहत कमेटी के प्रधान, कार्यवाहक महासचिव और धार्मिक डेरा कारसेवा के जत्थेदार को 15 दिन तक धार्मिक सेवा करने के निर्देश दिए हैं. इसके तहत 15 दिन बाद कड़ा प्रसाद करवाकर ग्रंथी सिंह से अरदास कराई जाएगी.

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