काशीपुर: स्थानीय विधायक के कार्यालय के बाहर राशन किट लेने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. खास बात यह रही कि स्थानीय विधायक इस दौरान वहां पहुंचे ही नहीं. कोरोना काल में सैकड़ों की संख्या में लोगों के इकट्ठा होने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को अपने घरों को वापस भेज दिया. इस दौरान बुजुर्गों से लेकर महिलाओं का दर्द उनके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था.
गरीबों को पुलिस ने वापस भेजा घर. काशीपुर के विधायक हरभजन सिंह चीमा के कार्यालय के बाहर चिलचिलाती धूप में सैकड़ों की तदाद में लोग बैठे थे. यह लोग विधायक के कार्यालय के बाहर धरना देने या प्रदर्शन करने के लिए नहीं बल्कि यह लोग कोरोना काल में राशन किट के इंतजार में बैठ थे. इस दौरान विधायक हरभजन सिंह चीमा इनका दर्द साझा करते हुए राशन किट देने तो नहीं पहुंचे, लेकिन मौके पर पुलिस जरूर पहुंच गई. पुलिस ने इन सभी को वहां से वापस अपने घरों के लिए जाने की बात कही.
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दरअसल, ग्राम खड़कपुर देवीपुरा के तमाम महिला और पुरुष हाथों में पार्षदों की लिखी हुई पर्चियां लेकर विधायक चीमा के रामनगर रोड स्थित कार्यालय पर आ धमके. पर्चियों पर पार्षदों के हस्ताक्षर थे. जिसमें लिखा था कि यह उनके वार्ड के निवासी हैं. कृपया इन्हें राशन देने का कष्ट करें. वहां मौजूद लोगों में बुजुर्ग के अलावा काफी संख्या में महिला और पुरुष भी अपने बच्चों को लेकर पहुंचे थे. इनमें अधिकतर लोग खड़कपुर, देवीपुरा और वैशाली कॉलोनी के रहने वाले गरीब परिवारों के थे.
लोगों का कहना है कि खड़कपुर देवीपुरा की प्रधान मंजू देवी ने उन्हें अपनी स्टांप लगाकर हस्ताक्षर की हुई पर्ची देकर उन्हें विधायक कार्यालय भेज दिया. वहीं, कमोवेश ये ही हाल वैशाली कॉलोनी की पार्षद सूमा देवी का भी रहा. विधायक कार्यालय पहुंचे इन लोगों के मुताबिक, वह तीन से चार किलोमीटर की दूरी तय कर यहां पहुंचे थे. ऐसे में महामारी के इस मुश्किल दौर में पार्षदों से लेकर विधायक तक सभी उनकी गरीबी का मजाक उड़ा रहे हैं.