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स्कूली बच्चों की जान से हो रहा खिलवाड़, नियम-कायदों को धता बता रहे ई-रिक्शा चालक - administration

उधम सिंह नगर के दिनेशपुर में बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां बच्चों को स्कूल तक लाने और उन्हें छोड़ने के लिए ई-रिक्शा का प्रयोग किया जा रहा है. जिसमें ई-रिक्शा चालक 15-20 बच्चों को एक साथ बैठाकर खुलेआम सड़कों पर दौड़ता नजर आ रहे हैं.

बच्चों के जिंदगी साथ किया जा रहा है खिलवाड़.

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Published : Jul 18, 2019, 6:54 PM IST

Updated : Jul 18, 2019, 7:45 PM IST

गदरपुर: प्रदेश के निजी स्कूलों की मनमानी आये दिन बढ़ती जा रही है. स्कूल मनमाने तरीके से फीस वसूलने के बाद अब छात्रों की जान से भी खिलवाड़ करने लगे हैं. स्कूल छोटे छात्रों को लाने के लिए ई-रिक्शे का इस्तेमाल कर रहे हैं. जिसमें क्षमता से अधिक बच्चों को लादकर स्कूल तक पहुंचाया जा रहा है. जो कि कभी भी किसी बड़े हादसे की वजह बन सकता है. बावजूद इसके प्रशासन इस गंभीर मामले पर मौन है.

बच्चों के जिंदगी साथ किया जा रहा है खिलवाड़.

उधम सिंह नगर के दिनेशपुर में बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां बच्चों को स्कूल तक लाने और उन्हें छोड़ने के लिए ई-रिक्शा का प्रयोग किया जा रहा है. जिसमें ई-रिक्शा चालक 15-20 बच्चों को एक साथ बैठाकर खुलेआम सड़कों पर दौड़ता नजर आ रहे हैं. जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. शिक्षा विभाग के आदेशों के बाद भी स्कूल संचालक लगातार नियमों को ताक पर रखकर इस तरह के प्रयोग कर रहे हैं जो कि बच्चों की जान के साथ किसी खिलवाड़ से कम नजर नहीं आता है.

मामले पर बोलते हुए अभिभावक कैलाश शर्मा का कहना है कि निजी स्कूल थोड़े बहुत पैसे बचाने के लिए बच्चों की जिंदगी से खेल हो रहा है. उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि ई-रिक्शा में तय सीमा से ज्यादा लोड नहीं भरा जा सकता, उसकी कैपेसिटी क्या है? ये भी सभी को पता है. बावजूद इसके एक ई-रिक्शा में दस से बारह बच्चों को भरकर स्कूल तक पहुंचाया जा रहा है.

निजी स्कूल कम बजट के चक्कर में कुछ पैसे बचाने के लिए रिक्शा का प्रयोग करते हैं. जो कि नियमों का साफ तौर पर उल्लंघन है. दिनेशपुर में ई-रिक्शे पर बच्चों को स्तूल पहुंचाने का खेल प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा है. लेकिन, अबतक इस मामले में किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो पाई है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर इतने गंभीर मामले में शिक्षा विभाग और प्रशासन क्यों मौन है?

Last Updated : Jul 18, 2019, 7:45 PM IST

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