काशीपुरःसूबे में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति से तो सभी वाकिफ हैं, लेकिन नीजि स्कूल भी कम नहीं हैं. आलम ये है कि पैसों के लालच में निजी स्कूल के प्रबंधक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से नहीं कतरा रहे हैं. इसकी बानगी काशीपुर में देखने को मिल रही है. यहां पर दो कमरों में नर्सरी से लेकर 10वीं तक की कक्षाएं संचालित हो रही हैं.
भले ही प्रदेश सरकार निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लाख दावे करती हो, लेकिन धरातल पर ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं. कई निजी स्कूल के प्रबंधकों ने स्कूल खोलकर इसे धंधा बना दिया है. जिसके नतीजन कुछ स्कूल संचालक पैसों के लालच में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से भी पीछे नहीं हट रहे है.
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दरअसल, मामला काशीपुर के गिरीताल का है. यहां पर आनंद पब्लिक हाई स्कूल नाम से एक स्कूल संचालित किया जा रहा है. आलम तो ये है कि स्कूल एक दुकान और एक कमरे में संचालित हो रही है. जिसमें कक्षा नर्सरी से 12वीं तक के छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं. एक कमरे में नर्सरी से कक्षा 9 तक के बच्चे और दुकान में कक्षा 10, 11 और 12वीं के बच्चे पढ़ते हैं.
इतना ही नहीं, इस स्कूल में मात्र 2 अध्यापक और एक प्रधानाचार्य हैं. इनमें एक शिक्षक 12वीं पास तो दूसरी शिक्षिका बीएससी की छात्रा है. जो यहां बच्चों को पढ़ाते हैं. जबकि, शिक्षा विभाग ने सभी प्राइवेट विद्यालय के अध्यापकों को डीएलएड करवाकर योग्य शिक्षक बनवाने का काम किया है. इतना ही नहीं बच्चों के बैठने और पढ़ने की उचित व्यवस्था भी उपलब्ध नहीं है.