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धरमपुर चौकी की सुनो पुकार, कोरोना से लड़ने को उपकरण दो सरकार

उत्तर प्रदेश से सटी जसपुर-बिजनौर सीमा पर स्थित धरमपुर पुलिस चौकी को कोरोना वायरस के चलते बॉर्डर बनाया गया है. लेकिन यहां पर तैनात डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों को कोरोना से लड़ने को उपकरण तक नहीं दिए गए हैं.

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Published : Apr 10, 2020, 12:02 PM IST

कोरोना
गदरपुर न्यूज

काशीपुरः लॉकडाउन के चलते जिले की सभी सीमाओं पर सख्ती बरती जा रही है. लेकिन इन सीमाओं पर तैनात पुलिसकर्मी और डॉक्टर बिना उपकरण के ही जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं. उनके पास न थर्मल गन है ना ही कोरोना संक्रमण से बचने के अन्य उपकरण.

बिना हथियार कोरोना से कैसे लड़ें सरकार.

दरअसल, उत्तर प्रदेश से सटी जसपुर-बिजनौर सीमा पर स्थित धरमपुर पुलिस चौकी को कोरोना वायरस के चलते बॉर्डर बनाया गया है. यहां पर यूपी से आने वालों पर पैनी नजर रखी जा रही है. किसी भी व्यक्ति को बिना वजह उत्तराखंड में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. खाने-पीने और अन्य जरूरी सामान लेकर आने वाले वाहनों के चालकों और हेल्परों की बॉर्डर पर स्वास्थ्य की जांच की जा रही है, लेकिन ये जांच महज खानापूर्ति साबित हो रही है.

बॉर्डर पर तैनात डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों के पास कोरोना से संबंधित उपकरण तक नहीं हैं. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर जसवंत सिंह के मुताबिक उन्हें केवल सीपीएम और पीसीएम दवाएं उपलब्ध करवाई गई हैं. लापरवाही का आलम ये है कि तापमान नापने वाली थर्मल मशीन तक मुहैया नहीं कराई गई है. उनके मुताबिक बॉर्डर पर पहुंचने वाले बाहरी लोगों से केवल बुखार पूछकर, जानकारी जुटाई जा रही है.

उन्होंने बताया कि सीएचसी जसपुर में ही केवल एक टेंपरेचर (थर्मल गन) मशीन उपलब्ध है. बाकी किसी भी बॉर्डर पर यह मशीन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में सवाल उठना भी लाजिमी है कि कोरोना वायरस को लेकर सरकार जहां इतनी चिंतित हैं और लाखों-करोड़ों रुपये इस पर खर्च कर रही है, जसपुर के इस बॉर्डर पर ये उपकरण कब मिलेंगे. यहां ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी और डॉक्टर कब तक अपनी जान हथेली पर रखे रहेंगे.

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