खटीमा: पूरे प्रदेश में मोहर्रम का जुलूस बड़े ही धूमधाम से निकाला गया. वहीं, सीमांत क्षेत्र में पहली बार शिया समुदाय द्वारा निकाले गये जुलूस का सुन्नी समुदाय ने विरोध करते हुए रोक दिया. मामले की जानकारी होते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंची और सुरक्षा व्यवस्था में ताजिए को दफन करवाया.
शिया समुदाय के लोगों ने पहली बार निकाला मुहर्रम का जुलूस. उधम सिंह नगर जिले के सीमांत क्षेत्र खटीमा में मोहर्रम का त्योहार शांतिपूर्वक मनाने को लेकर काफी सुरक्षा व्यवस्था और एहतियात बरती गई. सुबह खटीमा में शिया समुदाय के कुछ लोगों द्वारा पहली बार मोहर्रम का जुलूस निकाला गया. साथ ही इस जुलूस के लिए शिया समुदाय ने प्रशासन से अनुमति भी नहीं ली, जिसका विरोध सुन्नी समुदाय के लोगों द्वारा किया गया तो पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जुलूस को रुकवा दिया.
तहसीलदार खटीमा और कोतवाल खटीमा के नेतृत्व में भारी पुलिस बल सूचना पाकर मौके पर पहुंचे. जुलूस निकाल रहे पर शिया समुदाय के लोगों को प्रशासन ने बमुश्किल समझाया और उनको जुलूस निकालने से रोका. बाद में पुलिस द्वारा जुलूस में लाए गए ताजिए को सुरक्षा व्यवस्था के बीच दफना दिया गया. प्रशासन द्वारा बरती गई सतर्कता के चलते दो समुदाय के लोगों का टकराव होने से बच गया.
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सीओ खटीमा महेश चंद्र बिंजोला ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि शिया समुदाय द्वारा मोहर्रम का जुलूस पहली बार नगर क्षेत्र में निकाला जा रहा है, जिसका कुछ सुन्नी लोग विरोध कर रहे हैं. मौके पर पुलिस बल के साथ पहुंचे तहसीलदार खटीमा ने जुलुस को रुकवाया और सुरक्षा व्यवस्था के बीच ताजियों को दफन कराकर मामले को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाया.