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नौकरी के नाम पर युवक से 10 लाख की ठगी, धोखाधड़ी मामले में चेयरमैन पर मुकदमा दर्ज - विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर युवक से ठगी

काशीपुर में धोखाधड़ी के दो मामले सामने आए हैं. पहले मामले में विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर एक युवक से 10 लाख रुपए की ठगी की गई है. दूसरे मामले में रकम दोगुनी कर 35-40 लोगों से लाखों रुपए की धोखाधड़ी की गई है. दोनों मामलों में कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.

kashipur police
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Published : Sep 14, 2021, 9:32 PM IST

काशीपुरः विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर युवक से दस लाख रुपए की ठगी के मामले में पुलिस ने मां-बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है. उधर, पांच साल में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर लाखों रुपए हड़पने वाले चेयरमैन और डायरेक्टरों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है. फिलहाल, दोनों मामलों में पुलिस जांच में जुट गई है.

पहला मामलाः काशीपुर के मोहल्ला सिंघान होली चौक निवासी दीपक शर्मा की थाना कुंडा क्षेत्र निवासी अभिनव चौबे से दोस्ती हो गई थी. तीन साल पहले अभिनव ने दीपक से विदेश में नौकरी लगवाने की बात कही. इसके लिए अभिनय ने दीपक को बताया कि उसकी मां बबीता चौबे विदेश भेजकर नौकरी लगवाती है. जहां काफी कमाई होती है. इसके एवज में बबीता चौबे ने दीपक से दस लाख रुपए की मांग की और बड़ी कंपनी में नौकरी लगने का झांसा दिया. पीड़ित दीपक शर्मा ने अभिनव और बबीता को दस लाख रुपए भी दे दिए.

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इतना ही नहीं साल 2018 में ट्रायल के तौर पर अभिनव, दीपक को थाइलैंड भी ले गया था, लेकिन दीपक की नौकरी नहीं लगी. बाद में दीपक ने अपने पैसे वापस मांगें तो दोनों मां-बेटे टाल मटोल करने लगे. जब दीपक ने अपनी रकम वापसी पर जोर दिया तो दोनों ने उसे दो साल के भीतर पैसे वापस करने का आश्वासन दिया. लेकिन दो साल बीत जाने के बावजूद दीपक को रकम की वापसी नहीं की. जिसके बाद पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर मां-बेटे के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है.

दूसरा मामलाः काशीपुर निवासी मुख्त्यार सिंह ने न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र पेश किया है. जिसमें उन्होंने बताया है कि काशीपुर के टांडा उज्जैन क्षेत्र में पेस्टीज ग्रीन इंडिया कारपोरेशन लि. की ब्रांच खुली थी. जिसके चेयरमैन ध्रुव प्रताप और डायरेक्टर गिरीश, सत्यपाल शर्मा, यशवंत सिंह, अंग प्रताप सिंह थे. जिसका हेड ऑफिस मुरादाबाद और पंजीकृत कार्यालय बरेली बताया गया. कंपनी की ओर से बताया गया कि रकम इंवेस्ट करने पर साढ़े पांच साल में रकम दोगुनी हो जाएगी. कंपनी के कहने पर पीड़ित ने 30 मई 2015 को उसने 300 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से स्कीम ले ली.

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पीड़ित ने बताया कि समय सीमा पूरी होने उसे 27 हजार रुपए या 90 यार्ड भूमि 30 मई 2020 तक मिलनी थी. बार-बार कहने पर भी रकम नहीं दी गई. इसी तरह लगभग पांच साल तक अन्य लोगों का भी इंवेस्ट कराने के बाद कंपनी 35-40 लोगों से 40-50 लाख रुपए लेकर फरार हो गई. जिस पर अब पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर ध्रुव प्रताप, अंग प्रताप सिंह, गिरीश, यशवंत सिंह, सत्यपाल शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है. सभी आरोपी बदायूं, यूपी के रहने वाले हैं.

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