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जज्बाः व्हीलचेयर से ही निभाते हैं अपनी ड्यूटी, बेस्ट आरक्षी का मिल चुका सम्मान

दिव्यांग आरक्षी रमेश भट्ट व्हील चेयर से ही खटीमा कोतवाली में 10 से 12 घंटे तक रोजाना पूरे समर्पण के साथ अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. रमेश भट्ट को बेहतर पुलिस कार्य हेतु राज्यपाल से बेस्ट आरक्षी का सम्मान भी मिल चुका है.

divyang policeman rakesh bhatt

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Published : Jul 12, 2019, 4:29 AM IST

खटीमाःकोतवाली में तैनात दिव्यांग आरक्षी का जज्बा देखते ही बन रहा है. शारीरिक रूप से 80 फीसदी दिव्यांग होने के बावजूद आरक्षी रमेश भट्ट रोजना व्हील चेयर से ही अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. इसी कड़ी में व्यापार मंडल और अग्रवाल महासभा समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सम्मानित उन्हें किया. वहीं, रमेश बेस्ट आरक्षी के सम्मान से भी नबाजे जा चुके हैं.

दिव्यांग आरक्षी रमेश भट्ट को किया गया सम्मानित.

बता दें रमेश भट्ट साल 1988 बैच के पुलिस आरक्षी हैं. कोतवाली लालकुआं में तैनाती के दौरान रमेश भट्ट सड़क हादसे का शिकार हो गए थे. इस हादसे की वजह से 80 फीसदी तक शरीर से दिव्यांग हो चुके हैं, लेकिन उनका जज्बे और हौसले कम नहीं हुए हैं. आरक्षी रमेश भट्ट व्हील चेयर से ही खटीमा कोतवाली में 10 से 12 घंटे तक रोजाना पूरे समर्पण के साथ अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. जिसके चलते रमेश भट्ट को बेहतर पुलिस कार्य हेतु राज्यपाल से बेस्ट आरक्षी का सम्मान भी मिल चुका है.

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इसी कड़ी में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने कोतवाली पहुंचकर पुलिस आरक्षी रमेश भट्ट को बेहतर पुलिस कार्य के लिए सम्मानित किया. इस दौरान आरक्षी रमेश ने कहा कि दिव्यांगता को अपनी मजबूरी और कमी नहीं समझना चाहिए. सभी लोगों को अपने क्षेत्र में पूरे समर्पण से कार्य करना चाहिए. उधर, रमेश के इस जज्बे को सभी लोग जमकर सराहना कर रहने हैं. सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनसे प्रेरणा लेने की जरुरत है. जो व्हील चेयर में होने के बाद भी पूरे समर्पण से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं.

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