खटीमा/काशीपुरःउत्तराखंड में आज से सरकारी धान क्रय केंद्रों पर सरकारी समर्थन मूल्य पर धान खरीद शुरू हो गई है. इस बार सरकार ने कॉमन धान का सरकारी समर्थन मूल्य 1940 रुपए घोषित किया है. वहीं, जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने धान क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया. उन्होंने धान क्रय केंद्र संचालकों को सरकारी समर्थन मूल्य पर धान खरीद करने के निर्देश दिए. उधर, काशीपुर में धान की तौल को लेकर एक बैठक हुई.
बता दें कि सरकार उत्तराखंड की कुल सरकारी खरीदारी का 60 परसेंट धान उधम सिंह नगर जिले से खरीदती है. ऐसे में आज से धान की खरीद शुरू कर दी गई है. धान खरीद का जायजा लेने के लिए डीएम रंजना राजगुरु ने सीमांत क्षेत्र खटीमा मंडी समिति का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने धान क्रय प्रभारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए.
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हर हाल में तोला जाएगा धानः उन्होंने कहा कि मंडी में धान लेकर आए किसानों का धान हर हाल में तोला जाए. किसानों को बिचौलियों से बचाया जाए. जिससे किसानों को सरकार की ओर से कॉमन धान का 1940 रुपये और ए ग्रेड धान का 1960 रुपये सरकारी समर्थन मूल्य मिल सके.
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धान सुखाने की व्यवस्थाःजिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने कहा कि किसानों के धान को सरकारी धान क्रय केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर खरीदने की सारी व्यवस्थाएं पूरी हो चुकी हैं. साथ ही किसानों के धान को फड़ पर सुखाने की समुचित व्यवस्था कर दी गई है. सभी धान क्रय केंद्रों पर धान सुखाने के लिए पंखे उपलब्ध करा दिए गए हैं. साथ ही नमी जांचने वाला उपकरण भी हर धान क्रय केंद्र पर है.
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परेशानी में किसान कर सकतें हैं शिकायतः डीएम रंजना ने कहा कि सरकार 17 प्रतिशत तक नमी वाले धान को सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीदेगी. हर धान क्रय केंद्र पर बैनर लगाए गए हैं, जिन पर सरकारी समर्थन मूल्य लिखा गया है. साथ ही धान बेचने में किसान को कोई परेशानी होती है तो वो बैनर पर लिखे फोन नंबर पर सूचना दे सकता है. जिस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी.
काशीपुर में धान की तौल को लेकर बैठकःभारतीय किसान संगठन की ओर से धान की तौल को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में छोटे किसानों को एमएसपी रेट का फायदा दिलाने समेत विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई. किसानों का कहना है कि अक्सर छोटे किसानों को एमएसपी रेट का फायदा नहीं मिलता है. इससे हर किसान को करीब 500 से 600 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान होता है. वहीं, आगामी 6 अक्टूबर को जसपुर में होने वाली महापंचायत में काशीपुर के किसानों ने समर्थन देकर हिस्सा लेने की रणनीति बनाई.