काशीपुर: उत्तराखंड के सियासी दंगल ने विपक्ष को एक मौका दे दिया है. इस सियासी संग्राम में हुई खींचतान के बीच प्रदेश के राजनीतिक दलों को मौका मिल गया है. पीसीसी सदस्य दीपिका गुड़िया आत्रे ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी तो शुरू से ही कहती आई है कि बीजेपी की सरकार ने प्रदेश का कुछ विकास नहीं किया है. जिस प्रकार सर्वे में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सबसे निचले पायदान पर आए थे, इससे केंद्र सरकार समझ चुकी थी कि उत्तराखंड के भाजपा विधायक अपने क्षेत्र की जनता को विकास कार्यों से खुश नहीं कर पाए हैं.
सियासी दंगल के बीच विपक्ष का सरकार पर हमला. बीजेपी हाईकमान समझ चुका था कि उत्तराखंड के 56 विधायक इस योग्य नहीं हैं, उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा सके. अब प्रदेश की जनता पर दो-दो उपचुनाव का भार और जनता की पूंजी को बर्बाद करने पर तुली है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री आशीष गुप्ता ने कहा किसी की योग्यता को मापने के लिए कांग्रेस के पास कोई पैमाना नहीं है. बीजेपी हाईकमान का एक निर्णय है, जो उत्तराखंड को विकास के रास्ते पर ले जाएगा.
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उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के सभी विधायक उत्तम हैं और तीरथ सिंह रावत विधायक भी रह चुके हैं. अभी हाल ही में पौड़ी से सांसद बने हैं, उनके कार्यक्षेत्र का अनुभव हमारे प्रदेश को मिलेगा. ऐसी हम कामना करते हैं कि आने वाले समय में सल्ट की विधानसभा सीट से सीएम तीरथ सिंह रावत चुनाव लड़कर विधानसभा जाएं.
आप उपाध्यक्ष ने सीएम तीरथ को दी चुनौती
आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक बाली ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को चुनौती देते हुए काशीपुर से उपचुनाव लड़ने की चुनौती दी है. दीपक बाली ने कहा कि राज्यमंत्री धन सिंह रावत ने बयान जारी करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश के हैं और जहां से चाहें वहां से चुनाव लड़ सकते हैं.
ऐसे में आम आदमी पार्टी का प्रदेश उपाध्यक्ष होने के नाते मुख्यमंत्री को काशीपुर विधानसभा सीट से उप चुनाव लड़ने का आमंत्रण देता हूं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ने की स्थिति में आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का जो आदेश होगा, वह मान्य होगा. लेकिन मेरे द्वारा मुख्यमंत्री को चुनाव लड़ने का आमंत्रण दिया गया है. इसलिए मैं अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से टिकट की स्वयं ही मांग करूंगा.