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ऑपरेशन स्माइल: गुमशुदा लोगों की तलाश और अज्ञात शवों की शिनाख्त में जुटी पुलिस - Identification of Missing

उत्तराखंड बनने के बाद प्रदेश भर से गायब हुए बच्चों, महिलाओं और पुरुषों की तलाश और अज्ञात शवों की पहचान करने के लिए देहरादून पुलिस मुख्यालय से ऑपरेशन स्माइल और शिनाख्त अभियान चलाया जा रहा है. जिसके लिए उधम सिंह नगर में पुलिस की पांच टीमों का गठन किया गया है.

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जिले में ऑपरेशन स्माइल और शिनाख्त अभियान चला रहा प्रशासन.

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Published : Dec 3, 2019, 4:57 PM IST

Updated : Dec 5, 2019, 9:17 AM IST

रुद्रपुर: पुलिस प्रशासन इनदिनों प्रदेश भर में ऑपरेशन स्माइल और शिनाख्त अभियान चला रहा है. जिसके अंतर्गत जिले भर में साल 2000 से लेकर नवंबर 2019 तक के बीच गुमशुदा हुए 157 लोगों की खोजबीन की जा रही है. साथ ही अभी तक जिले में मिलें 470 अज्ञात शवों की पहचान के लिए ऑपरेशन शिनाख्त चलाया जाएगा. जिसके लिए जिले में पुलिस की पांच टीमों का गठन किया गया है.

जिले में ऑपरेशन स्माइल और शिनाख्त अभियान चला रहा प्रशासन.

बता दें कि यह अभियान 1 दिसंबर से 31 जनवरी तक चलाया जाएगा. जिसके लिए पुलिस की टीमें उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के जिलों में गुमशुदा हुए लोगों की तलाश और अज्ञात शवों की शिनाख्त के लिए पड़ताल करेगी. आंकड़ों के अनुसार उधम सिंह नगर में साल 2000 से नवंबर 2019 तक 19 बालक, 37 बालिकाएं, 54 पुरूष और 47 महिलाएं गुमशुदा हैं. वहीं, जिले भर से अभी तक 470 अज्ञात शव भी मिले हैं. जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है.

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बरिंदर जीत सिंह ने बताया कि इस पूरे अभियान की कमान अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई है. अभियान के अंतर्गत जनपद में 5 टीमों का गठन किया गया है. प्रत्येक टीम में 1 उपनिरीक्षक, 4 कॉन्टेबल और 1 महिला कॉन्टेबल को नियुक्त किया गया है. साथ ही अभियान में एक बाल कल्याण समिति, सामाजिक संस्थाएं और एनजीओ को भी शामिल किया गया है. प्रत्येक टीम की सहायता हेतु 1 विधिक (अभियोजन अधिकारी) और टेक्निकल टीम का भी गठन किया गया है. साथ ही बताया कि टीम के समस्त सदस्यों को बच्चों से संबंधित प्रचलित समस्त कानूनी एवं विधिक प्रावधानों की पूर्ण जानकारी दे दी गई है.

साथ ही बच्चों से पूछताछ के दौरान माननीय उच्चतम न्यायालय, मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं गृह मंत्रालय और भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के बारे मे भी बताया गया है. साथ ही बताया कि अभियान के दौरान गुमुशुदा बच्चों को शेल्टर होम, ढाबों, कारखानों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थानों और आश्रमों में विशेष रूप से ढूंढने के निर्देश दिए गए हैं.

Last Updated : Dec 5, 2019, 9:17 AM IST

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