खटीमा: क्षेत्र में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं, क्योंकि उन्हें खाकी वर्दी का बिलकुल भी खौफ नहीं है. इसी का नतीजा है कि वे धड़ल्ले से अपना कारोबार कर रहे हैं. एक तरफ सरकार ने रात में किसी भी प्रकार के खनन पर पाबंदी लगा दी है, वहीं मिट्टी खनन में लगी ट्रॉलियां बिना नंबर प्लेट और बिना व्यावसायिक रजिस्ट्रेशन के प्रयोग में लाई जा रही हैं. ऐसे में प्रशासन खनन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
खटीमा में मिट्टी के अवैध खनन का खेल जोरों पर, पुलिस प्रशासन हैं चुप
खटीमा में खनन माफियाओं का अवैध कारोबार खूब फल-फूल रहा है, क्योंकि उन्हें पुलिस और प्रशासन का डर नहीं है. खटीमा के मेलाघाट, कुटरी, चकरपुर, बिगराबाग, टेढ़ाघाट सहित कई गांवों में खनन माफिया खेतों को चीरकर मिट्टी निकाल रहे हैं. प्रशासन की तरफ से भी खनन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
उधम सिंह नगर के सीमांत क्षेत्र खटीमा की सड़कों पर अवैध मिट्टी से भरी ट्रॉलिया दौड़ती नजर आ रही हैं. शहर में चारों तरफ अवैध मिट्टी का व्यापार हो रहा है. शहर की नहरों में खुलेआम मिट्टी का अवैध खनन हो रहा है, लेकिन प्रशासन और पुलिस विभाग की कान में जूं तक नहीं रेंग रही है. दो दिन पहले पुरनापर गांव में ग्रामीणों ने अवैध खनन का विरोध करते हुए गाड़ियों को रोका था. जिसके बाद पुलिस ने केवल एक मिट्टी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली को सीज करने की कार्रवाई की थी. खटीमा तहसील के मेलाघाट, कुटरी, चकरपुर, बिगराबाग, टेढ़ाघाट सहित कई गांवों में खनन माफिया खेतों से बिना परमिशन के मिट्टी का खनन कर रहे हैं.
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खटीमा सीओ वीर सिंह ने बताया कि उन्होंने खटीमा, नानकमत्ता और झनकईया थाना प्रभारियों को मिट्टी का अवैध खनन रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं और वह खुद भी अवैध खनन रोकने के लिए सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि फिर भी अगर कहीं चोरी छुपे अवैध मिट्टी का खनन किया जा रहा है, तो उसे रोका जाएगा.
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