रुद्रपुरः घाटे में चल रही तराई विकास निगम (टीडीसी) को एनएचएआई ने जोर का झटका दिया है. एनएच के नोटिस के बाद टीडीसी द्वारा प्लांट पर लगी मशीनों को दूसरे प्लांट में शिफ्ट करा दी गई है. अब न ही एनएच भूमि का अधिग्रहण कर रहा है और न ही मुआवजे की धनराशि देने को तैयार है. ऐसे में अब मामला आर्बिटेशन में पहुंचा है. सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे टीडीसी मुख्यालय हल्दी में 22 वर्ष पूर्व स्थापित बीज विधायन संयंत्र को एनएचएआई के नोटिस पर उखाड़ दिया गया, लेकिन न तो इस भूमि का अधिग्रहण हुआ और न ही कोई मुआवजा मिल सका. इसको लेकर टीडीसी अधिकारी सकते में हैं और मामले को आर्बिटेशन में ले गए हैं. यही नहीं करोड़ों की मशीन गोदाम में जंग खा रही है.
बता दें राष्ट्रीय राजमार्ग-87 के चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है. रुद्रपुर से काठगोदाम तक एनएच का चौड़ीकरण होना है. पन्तनगर के पास टीडीसी मुख्यालय हल्दी है जिसकी भूमि भी एनएच की जद में आई हुई थी. जिस पर टीडीसी का एक प्लांट भी लगा हुआ था. वर्ष 1997 में आस्ट्रेलिया से आयातित 80 लाख रूपए में वातानुकूलित सब्जी बीज विधायन संयंत्र स्थापित किया गया था.
शुरुआत में यहां प्रतिवर्ष 5,000 कुंतल सब्जी बीजों की प्रोसेसिंग व पैकिंग होती थी, जो वर्तमान में घटकर 500 कुंतल रह गई थी. एनएचएआई ने सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे टीडीसी के अंदर लगभग 10 मीटर भूमि चिन्हित करते हुए स्टोन लगवा दिए और टीडीसी को नोटिस जारी करते हुए इस परिधि में आ रहे निर्माण को ध्वस्त करने का निर्देश दिया, जिसका मुआवजा भी लगभग 9 करोड़ रुपए तय किया गया.