गदरपुर: एनआरसी के मुद्दे को लेकर बीते रोज गदरपुर के पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन के आवास पर बैठक का आयोजन होना था. इस बैठक में हजारों की संख्या में लोगों को हिस्सा लेना था लेकिन धारा 144 लागू होने के कारण बैठक को रद्द कर दिया गया. धारा 144 लागू होने के बावजूद यहां सैकड़ों लोग पहुंचे. जिसके बाद एनआरसी और नागरिकता संशोधन बिल के मुख्य बिन्दुओं पर चर्चा कर बैठक को स्थगित कर दिया गया.
गदरपुर में एनआरसी मुद्दे पर मची 'गदर' इस दौरान पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन ने भाजपा सरकार के खिलाफ बयान देते हुए कहा कि भाजपा सरकार देश में अराजकता फैला रही है. मौजूदा भाजपा सरकार बार बार इस मामले को तूल दे रही है. जिनसे क्षेत्र की जनता में असमंजस और भय का माहौल बना हुआ है. उन्होंने कहा है कि जिस तरह की परिस्थितियों से असम के लोग गुजर रहे है यहां भी वही परिस्थिति उत्पन्न हो सकती हैं इसलिए इस बैठक का आयोजन किया गया है. लेकिन धारा 144 लागू होने के कारण बैठक को स्थगित कर दिया गया है.
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प्रेमानंद महाजन ने कहा कि धारा 144 के खेतम होने के बाद एक और बैठक का आयोजन किया जाएगा. जिसमें विस्तार पूर्वक इस मामले पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बोल रहे हैं कि एनआरसी किसी हिंदू के ऊपर लागू नहीं होगा, लेकिन असम में भी एनआरसी लागू हुआ है. वहां के हिंदुओं को डिटेंशन कैम्प में डाल दिया गया है.
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वहीं इस मौके पर बोलते हुए उत्तराखंड बंगाली कल्याण समिति के अध्यक्ष तारक बछाड़ ने कहा कि हम किसी भी हालत में एनआरसी को उत्तराखंड में लागू नहीं होने देंगे. चाहे उसके लिए कितना भी बड़ा संघर्ष और आंदोलन क्यों न करना पड़े. उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के सांसद शांतनु ठाकुर ने भी बंगालियों को झूठा आश्वासन दिया कि हम किसी भी बंगाली पर आंच नही आने देंगे.
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इस दौरान ममता हालदार ने कहा कि हरीश रावत ने एनआरसी के मामले में हाईकोर्ट को लिखकर दिया था कि यहां कोई भी बंगाली घुसपैठिया नहीं है. अब मौजूदा भाजपा सरकार कह रही है कि यहां बंगाली घुसपैठिया हैं. जिसके कारण यहां एनआरसी लागू होगा. जिसके बाद बंगालियों को चुन-चुन कर भगाया जाएगा.