रुद्रपुर: उत्तराखंड में लैंड जिहाद और अतिक्रमण के खिलाफ उत्तराखंड सरकार की कार्रवाई जारी है. सरकारी जमीनों पर किए गए अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का पीला पंजा लगातार चल रहा है. उधमसिंह नगर जिले के पंतनगर और जसपुर क्षेत्र में हुए अतिक्रमण पर कार्रवाई की गई है. वहीं, अतिक्रमण की कार्रवाई से लोगों को बेघर होने का डर सता रहा है. लोगों ने सरकार से व्यवस्था करने की मांग की है. वहीं, सरकार भी अतिक्रमण पर लगातार बैठकें कर नजर रख रही है.
उधमसिंह नगर में अतिक्रमण पर चला प्रशासन का डंडा, ध्वस्त किये मंदिर और मजार
अवैध रूप से सड़क किनारे बनाई गई मजार और मंदिर पर वन विभाग का बुलडोजर चल गया. भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में वन विभाग ने कार्रवाई की. दोनों धार्मिक स्थलों को ध्वस्त करने में टीम को करीब 4 घंटे लगे. जबकि जसपुर में अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं.
पंतनगर थाना क्षेत्र के नागल बाईपास स्थित एनएच 87 के किनारे अतिक्रमण कर बनाए गए मजार और मंदिर पर वन विभाग ने सोमवार सुबह बुलडोजर चलाया. इससे पूर्व विभाग द्वारा दोनों धार्मिक स्थल को खाली करने का नोटिस भी जारी किया था. इस दौरान थाना पंतनगर और पीएसी की भारी फोर्स को तैनात किया गया. विभाग ने पहले मजार और फिर मंदिर को ध्वस्त किया. इस दौरान वन विभाग, पुलिस प्रशासन के साथ-साथ पीएसी भी तैनात रही. टांडा रेंज के रेंजर रूप नारायण गौतम ने बताया कि एनएच 87 के किनारे दो धार्मिक स्थल अवैध रूप से संचालित हो रहे थे. दोनों स्थानों को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है.
अतिक्रमणकारियों को नोटिस:उधम सिंह नगर के जसपुर में भी समय-समय पर अतिक्रमण पर कार्रवाई की जा रही है. सोमवार को जसपुर के तीरथनगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने को लेकर सैकड़ों परिवारों को सिंचाई विभाग द्वारा नोटिस दिया गया है. इसके बाद लोगों को घर से बेघर होने का डर सताने लगा है. विभाग द्वारा मकानों पर चिन्हीकरण के लिए 7 दिन का समय दिया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार पहले लोगों के रहने की व्यवस्था करे.
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