काशीपुर: नॉर्मल डिलीवरी का झांसा देकर एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने प्रसूता जबरन प्रसव कराने का प्रयास किया. जिससे प्रसूता की हालत बिगड़ गई. उसके बाद गंभीर अवस्था में प्रसूता को एक दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर महिला के पेट से मृत शिशु को बाहर निकाला. पीड़िता के परिजनों ने इसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की थी. जिसके बाद एसीएमओ ने अस्पताल का निरीक्षण किया और मानकों में कमी को देखते हुए अस्पताल को सील कर दिया.
मामले में प्रसूता के परिजनों की शिकायत पर एसीएमओ डॉ हरेंद्र मलिक को जांच करने के लिए भेजा. जांच में शिकायत सही पाए जाने पर निजी अस्पताल को सील कर दिया गया. कचनालगाजी गड्ढा कॉलोनी निवासी मुस्तकीम ने आईटीआई थाना पुलिस व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि बीते 11 जून को उसने अपनी गर्भवती पत्नी खुशनुमा को जसपुर खुर्द स्थित मैक्स मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. डॉक्टर ने उसकी नॉर्मल डिलीवरी कराने का आश्वासन देकर सात हजार रुपये की रकम जमा करा ली थी. अचानक उसने बड़ा ऑपरेशन करने की बात कहते हुए 50 हजार रुपये का खर्च बताया.
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जबकि उसने ऑपरेशन कराने के लिए मना कर दिया. इस दौरान वह अस्पताल में भर्ती अपनी पत्नी से मिला तो खुशनुमा दर्द से कराह रही थी. पूछने पर बताया कि नॉर्मल डिलीवरी कराने के लिए उसके गुप्तांग पर कट लगा दिया है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने उसके साथ अभद्रता भी की. उसके बाद हालत बिगड़ने पर पीड़िता को मुरादाबाद रोड स्थित एक निजी अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर महिला के पेट से मृत नवजात को बाहर निकाला. मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनीता रतूड़ी ने एसीएमओ डॉ हरेंद्र मलिक को जांच सौंप दी.
एसीएमओ डॉ हरेंद्र मलिक ने नायब तहसीलदार बीसी आर्य और आईटीआई थाना के एसआई प्रदीप भट्ट के साथ मैक्स मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में जांच की. प्रथम जांच में अस्पताल का रजिस्ट्रेशन ही गलत पाया गया. डॉ मलिक ने बताया कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन मैक्स हॉस्पिटल और डॉक्टर का नाम डॉ अर्जुन सिंह के नाम से है. जबकि मौके पर अस्पताल का नाम मैक्स मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल नाम से बोर्ड लगा पाया गया है.
वहीं अस्पताल में स्टाफ भी 12वीं पास ही मिला. वहीं, मौके पर हॉस्पिटल के मालिक इदरीश हक मिले. इसके अलावा अस्पताल में महिला डॉक्टर व अन्य कोई दक्ष डॉक्टर नहीं मिला. जांच में जिस डॉक्टर के नाम से अस्पताल का रजिस्ट्रेशन था, वह मुरादाबाद रोड स्थित एक निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करते हैं. जिन्हें टीम ने फोन कर अस्पताल बुलाया. इसके अलावा अस्पताल का ओटी रूम, आईसीयू व अस्पताल में लगे सभी बैड मानकों के विपरीत थे. वहीं, जांच अधिकारी डॉ मलिक ने मौके पर पीड़िता व उसके परिजनों को बुलाकर बयान दर्ज किए. जिसके बाद टीम ने अस्पताल को सील कर दिया.: