रुद्रपुर: किसानों की फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. जिससे किसानों की आर्थिकी में इजाफा हो सके. वहीं जिले में बेमौसमी धान की फसल को कम करने और मक्के की पैदावार को बढ़ाने को लेकर किसान और फैक्ट्री प्रबंधन के साथ जिला प्रशासन ने बैठक की. बैठक में फैसला लिया गया की इस बार 50 प्रतिशत अनुदान में मक्के का बीज किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही अन्य समस्याओं में भी सुधार किया जायेगा.
Corn Farming: बेमौसमी धान का विकल्प बनेगा मक्का, 50 प्रतिशत अनुदान में उपलब्ध होगा बीज
किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उधमसिंह नगर प्रशासन ने कमर कस ली है. जिले में धान की खेती के गिरते स्तर को देखते हुए प्रशासन ने मक्के की खेती को बढ़ावा देने के प्रयास तेज कर दिए हैं. जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान ना उठाना पड़े.
किसानों को मक्के की खेती की ओर किया प्रेरित:उत्तराखंड को सबसे अधिक खाद्यान्न देने वाले जनपद उधम सिंह नगर में समर पैडी यानी बेमौसमी धान की खेती से गिरते जलस्तर को कम करने के लिए किसानों को मक्के की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके लिए जिला प्रशासन ने किसानों और फैक्ट्री प्रबंधक के बीच एक बैठक का आयोजन किया. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में किसानों को बेमौसमी धान की खेती से हो रहे नुकसान के बारे में अवगत कराते हुए मक्के के उत्पादन को लेकर चर्चा की गई.
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किसानों की आर्थिकी में होगा सुधार:इस दौरान किसानों ने कोरोनाकाल के दौरान उगाई गई मक्का को लेकर आई परेशानियों के बारे में बताया. बैठक में तय किया गया कि इस बार उगाए जाने वाले मक्का के बीज में 50 फीसदी का अनुदान किसानों को दिया जाएगा. साथ ही फैक्ट्री को विक्रय किए जाने वाले मक्के के दाम सरकार द्वारा जारी एमएसपी से ऊपर देने और मक्के के क्रय विक्रय को लेकर स्थानीय समिति को इनवॉल्व किया जाएगा. इतना ही नहीं इस बार मक्के में नमी को मापने के लिए कृषि विभाग के एक कर्मचारी को फैक्ट्री में तैनात किया जाएगा. हालांकि बैठक में किसानों ने फैक्ट्री प्रबंधन के ऊपर कई तरह के आरोप भी लगाए. वहीं प्रशासन का प्रयास है कि जिले में मक्के की खेती को भी बढ़ावा दिया जाए, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सके.