काशीपुर:प्रदेश सरकार द्वारा जमीनों के सर्किल रेट में बढ़ोत्तरी से नाराज अधिवक्ताओं ने भाजपा अध्यक्ष का घेराव किया. काशीपुर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने काशीपुर पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट को रोक कर इस वृद्धि को तुरंत निरस्त करने को कहा. आपको बताते चलें कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट यहां बाजपुर रोड स्थित एक रिसॉर्ट में पार्टी कार्यक्रम में आये थे. अधिवक्ताओं ने बाहर सड़क पर ही उनकी कार को नारेबाजी करते हुए रोक लिया जिसके कारण उनको कार से उतरना पड़ा.
काशीपुर में वकीलों ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को घेरा, जमीनों के सर्किल रेट कम करने की मांग
काशीपुर में सोमवार को अधिवक्ताओं ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के नेतृत्व में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का घेराव कर लिया. प्रदेश सरकार द्वारा बढ़ाये गये जमीनों के सर्किल रेट पर नाराजगी जताते हुये ज्ञापन सौंपा. साथ ही बढ़े हुये रेटों को तत्काल निरस्त करने की मांग की.
आम जनता को हो रही परेशानी: अधिवक्ता संदीप सहगल ने उन्हें बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी आदेश में काशीपुर के भूमि सर्किल रेटों में वृद्धि कर दी गई. जिससे कि जमीनों के रेट बाजार भाव से कई गुना ज्यादा हो गये हैं. इससे अलग काशीपुर से लगी हुई तहसीलों जसपुर, बाजपुर, रामनगर के मूल्यों में बढ़ोत्तरी हुई है. इस कारण आम जनता को भूमि खरीदने में बहुत कठिनाइयों का सामना कर रही है. जिससे जनता में सरकार के लिये अत्याधिक आक्रोश व्याप्त है तथा आमजन का स्वयं का घर बनाने का सपना पूरा होना संभव नहीं दिखाई दे रहा है.
यह भी पढ़ें:धोखाधड़ी मामला: पुष्पांजलि इंफ्राटेक पर एक्शन ना होने से लोगों में रोष, जताया आक्रोश
सीएम को सौंपा ज्ञापन: काशीपुर में बढ़े हुए सर्किल मूल्य को वापस लेने एवं सामान्य बढ़ोत्तरी करने की मांग को लेकर काशीपुर बार एसोसिएशन द्वारा पिछले माह से लगातार आमजन को साथ लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. जिससे प्रदेश-सरकार को भी रेवेन्यू की हानि हो रही है. परन्तु अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने अधिवक्ताओं की बातें सुनी व इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर कार्रवाई का आश्वासन दिया. काशीपुर बार एसोसिएशन की ओर से उन्हें ज्ञापन भी सौंपा गया. घेराव करने वालों में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय चौधरी, एडवोकेट सनत पैगिया, सचिव प्रदीप चौहान आदि शामिल थे.