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चमकी बुखारः बिहार में बच्चों की मौत के बाद प्रशासन की खुली नींद, स्वास्थ्य विभाग ने लिया जायजा

चमकी बुखार को लेकर उत्तराखंड में केंद्र सरकार की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अधिकारियों के साथ बैठक की. साथ ही जिले के डॉक्टरों को बीमारी से निपटने के उपायों की जानकारी दी गई.

जापानी इंसेफेलाइटिस पर कार्यशाला

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Published : Jun 30, 2019, 6:06 AM IST

रुद्रपुरः चमकी बुखार से बिहार में बच्चों की मौत के बाद केंद्र सरकार की स्वास्थ्य विभाग की टीम अब एक्टिव मोड में नजर आ रही है. उधम सिंह नगर में टीम द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जहां जापानी इंसेफेलाइटिस के बारे में उधम सिंह नगर व नैनीताल जिले के डॉक्टरों को इसकी जानकारी दी गयी. कार्यशाला में दिल्ली, लखनऊ और देहरादून से आए अधिकारियों ने शिरकत की.

चमकी बुखार से निपटने प्रशासन ने बनाई रणनीति.

केंद्र सरकार की टीम उधम सिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर पहुंची जहां उन्होंने एक कार्यशाला का आयोजन कर नैनीताल, उधम सिंह नगर, लखनऊ और देहरादून से आये अधिकारियों के साथ जापानी इंसेफेलाइटिस बुखार के बिन्दुओं को साझा किया.

इस दौरान उन्होंने बताया कि मानसून का समय चल रहा है. ऐसे समय में इस बीमारी के फैलने की ज्यादा संभावनाएं रहती हैं. दिल्ली से आई टीम ने बताया कि पशुओं से यह बीमारी मच्छर द्वारा इंसानों तक पहुंचती है. बरसात के बाद मच्छरों से इस बीमारी के फैलने की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं.

इसी के चलते अधिकारियों को जापानी इंसेफेलाइटिस से निपटने के टिप्स दिए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि किस तरह से मरीज का सेम्पल लेना है और उस सेम्पल का कहां टेस्ट करना है इन सभी बातों की जानकारी दी जा रही है.

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वहीं दिल्ली से पहुंचे डॉ कौशल कुमार ने बताया कि 2018 में उत्तराखंड के दो जिलों में कुछ मरीज जापानी इंसेफेलाइटिस के मिले थे. एक बार फिर बरसात को मौसम शुरु होने जा रहा है ऐसे में एक कार्यशाला का आयोजन कर जापानी इंसेफेलाइटिस से सम्बंधित सभी तरह की जानकारियां डॉक्टरों से साझा की जा रहीं हैं.

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