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भारत नेपाल सीमा विवाद: दोनों देशों के अधिकारियों ने संयुक्त बॉर्डर पर किया सर्वे - Indian and Nepali officers Joint survey on border dispute

खटीमा में भारत नेपाल सीमा पिलर नंबर 14 पर वन विभाग ने तारबाड़ कर पौधारोपण किया था, जिसे नेपाली नागरिक ने उखाड़ कर फेंक दिया था. जिसके बाद से उपजे विवाद को लेकर दो बार दोनों देश के अधिकारियों की वार्ता हुई, जो विफल रही. अब एक बार फिर से दोनों देशों के अधिकारियों ने संयुक्त बार्डर का सर्वे किया. इस दौरान नेपाल कोई कागजी सबूत नहीं पेश कर पाया. जिसके बाद वन विभाग ने तार बाड़ का काम किया शुरू कर दिया.

India Nepal border dispute
भारत नेपाल सीमा विवाद

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Published : Jun 21, 2022, 4:21 PM IST

खटीमा: उधम सिंह नगर जिले के सीमांत क्षेत्र खटीमा में भारत नेपाल सीमा पिलर नंबर 14 पर वन विभाग ने तारबाड़ कर पौधारोपण किया था, जिसके कारण उपजे भूमि विवाद के निस्तारण के लिए भारत नेपाल के अधिकारियों ने संयुक्त बॉर्डर पर सर्वे किया. नेपाल के अधिकारियों द्वारा अपने समर्थन में कोई कागजी सबूत ना पेश करने के कारण वन विभाग ने तारबाड़ का काम किया शुरू कर दिया.

खटीमा में मेलाघाट गांव स्थित भारत नेपाल सीमा पिलर संख्या 14 को लेकर दो बार दोनों देशों के अधिकारियों की वार्ता विफल रही थी. अब तीसरी बार दोनों देशों के संयुक्त अधिकारियों ने बॉर्डर पिलर संख्या 14 पर संयुक्त निरीक्षण किया और नो मैंस लैंड भूमि विवाद पर लगे हुए पिलर की जांच की.

अधिकारियों ने संयुक्त बॉर्डर पर किया सर्वे.

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बता दें कि पूर्व में वन विभाग द्वारा लगाए गए पिलरो को नेपाली नागरिकों ने उखाड़ दिया था. जिसके संबंध में पूर्व में दो बार भारत और नेपाल के अधिकारियों का संयुक्त निरीक्षण किया था, लेकिन दोनों के बीच वार्ता विफल रही. अब तीसरी बार भारत नेपाल बॉर्डर पिलर संख्या 14 पर संयुक्त सर्वे किया गया है.

इस दौरान एसएसबी के अधिकारी, वन वन विभाग के साथ राजस्व विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. साथ ही नेपाल के कृषि राज्य मंत्री मान बहादुर सुनार, एसडीओ कंचनपुर, सांसद दीपक भट्ट, एसएसपी अमर बहादुर के साथ ही नेपाल के अधिकारी मौजूद रहे. दोनों देशों के अधिकारियों की सहमति के बाद वन विभाग के द्वारा 25 हेक्टेयर भूमि में पौधे लगाने का कार्य पुनः शुरू कर दिया गया है.

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