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1505 में बड़े भूकंप का केंद्र रहा ये गांव, चारकोल की आयु पता लगाकर वैज्ञानिक खोलेंगे राज - 1505 में आया भूकंप

IIT कानपुर के वैज्ञानिक और शोध टीम ने रामनगर में भूकंप प्रभावित क्षेत्र का अध्ययन किया. खुदाई में मिले चारकोल की आयु पता लगाकर जांच की जा रही है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं.

IIT Kanpur Scientist researching at site.
नंदपुर गैबुआ गांव में जांच करती IIT कानपुर के वैज्ञानिकों की टीम.

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Published : Feb 15, 2020, 8:50 AM IST

रामनगर: नैनीताल जिले में रामनगर के नंदपुर गैबुआ गांव में IIT कानपुर के वैज्ञानिकों की टीम पहुंची. वैज्ञानिकों की टीम ने गांव में 515 साल पहले आए भूकंप के प्रमाण मिलने का दावा किया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में उत्तराखंड में भूकंप आने से भारी तबाही मच सकती है.

नंदपुर गैबुआ गांव में जांच करती IIT कानपुर के वैज्ञानिकों की टीम.

IIT कानपुर से आए वैज्ञानिकों की टीम ने रामनगर के नंदपुर गैबुआ गांव में 515 साल पहले आए भूकंप के प्रमाण मिलने का दावा किया है. वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि यहां पर 7 से 7.3 रिक्टर स्केल पर भूकंप आया होगा, जिससे काफी तबाही मची होगी.

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वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि खुदाई में कई ऐसी चीजें मिली है, जिससे ये प्रमाणित होता है कि 1505 में भूकंप का केंद्र यहीं पर रहा होगा. उनका कहना है कि खुदाई में निकले चारकोल की आयु निकालकर इसका अनुमान लगाया जाएगा कि भूकंप कितने वर्ष पूर्व और किस अंतराल पर आया होगा.

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रामनगर के नंदपुर गैबुआ गांव में भूकंप के 3 केंद्र मिलने का भी दावा किया जा रहा है. 21 फरवरी को इस स्थान पर देश और विदेश के वैज्ञानिकों की एक और टीम भी जांच करने पहुंच रही है.

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