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स्वास्थ्य निदेशक ने हृदय रोग विभाग का किया निरीक्षण - स्वास्थ्य निदेशक डा. विनीता शाह

एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में बने हृदय रोग विभाग का स्वास्थ्य निदेशक डा. विनीता शाह ने निरीक्षण किया. इस दौरान कार्डियोलॉजिस्ट के कक्ष में मौजूद न होने पर उन्होंने नाराजगी जताई.

हृदय रोग विभाग का निरीक्षण
हृदय रोग विभाग का निरीक्षण

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Published : Mar 20, 2021, 11:07 AM IST

काशीपुर:एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में बने हृदय रोग विभाग का स्वास्थ्य निदेशक डॉ. विनीता शाह ने निरीक्षण किया. उन्होंने कहा जब तक हृदय रोग विभाग का जीर्णोद्धार किया जा रहा तब तक के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करके रोगियों का इलाज किया जाए. इसके लिए ट्रामा सेंटर में कोविड के दौरान बनाए गए चार बेड के आईसीयू वार्ड को प्रयोग करने के निर्देश दिए.


बता दें कि, एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में हृदय रोग विभाग लंबे समय से कार्डियोलॉजिस्ट के नहीं होने से बंद था. बाद में स्वास्थ्य विभाग ने उक्त विभाग को वर्ष 2017 में पीपीपी मोड में दे दिया था. लेकिन हृदय रोग से संबंधित उपकरण कार्यशील नहीं होने के चलते रोगियों को यहां भर्ती नहीं किया जा रहा है. यहां तैनात कॉर्डियोलॉजिस्ट द्वारा प्राथमिक उपचार ही दिया जा रहा है. बीते वर्ष 30 जुलाई 2020 को नैनी पेपर्स लिमिटेड ने सीएसआर योजना के अंर्तगत दो करोड़ में अस्पताल के जीर्णोद्धार का जिम्मा उठाया. जिसके अंर्तगत नैनी ग्रुप अस्पताल का जीर्णोद्धार करा रहा है. वहीं, बीते कुछ माह से हृदय रोग विभाग का भी जीर्णोद्धार कराया जा रहा है. जिसके चलते पीपीपी मोड में तैनात कॉर्डियोलॉजिस्ट के लिए वर्तमान में अस्पताल के ओपीडी में कमरा नंबर-63 दिया गया है. वहीं बीते कुछ दिनों से हृदय रोग विभाग में इलाज नहीं होने की शिकायत मिल रही थी.

पीपीपी मोड में लेने वाली संस्था ने भी अस्पताल में असुविधाओं की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद स्वास्थ्य निदेशक डॉ.विनीता शाह, संयुक्त निदेशक डॉ. तुहिन ने सीएमओ डॉ. देवेंद्र पंचपाल के साथ हृदय रोग विभाग का निरीक्षण किया. स्वास्थ्य निदेशक डॉ. विनीता शाह ने निरीक्षण के दौरान पीपीपी मोड में तैनात कॉर्डिलॉजिस्ट मौके पर अपने कक्ष में नहीं मिलने पर नाराजगी जताई.

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स्टाफ ने बताया कि कार्डियोलॉजिस्ट रूम में कोई डॉक्टर नहीं है. उधर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. विनीता शाह ने सीएमओ को निर्देशित किया कि जब तक ह्रदय रोग विभाग का कार्य चल रहा है, इस दौरान वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर ट्रामा सेंटर में बनाए गए चार बेड के आईसीयू वार्ड को दे दिया जाए. ताकि जरूरतमंदों को समय से इलाज मिल सके. साथ ही उन्होंने कहा ट्रामा सेंटर में ही आर्थोपेडिक रूम में टीएमएटी व ईको मशीन लगाने को कहा है. उक्त मशीनों के लिए बजट आया हुआ है. इसके अलावा इसी बिल्डिंग में खाली अल्ट्रासाउंड कक्ष में कार्डियोलॉजिस्ट के बैठने की व्यवस्था की जाए. उन्होंने पीपीपी मोड पर लेने वाली संस्था से कहा वह प्राथमिक इलाज तो शुरू करें.

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