काशीपुर:अब तक घरों में आग लगने का कारण गैस सिलेंडर और बिजली का शॉर्ट सर्किट माना जाता रहा है. लेकिन घर में रखा फ्रिज भी इसके लिए जिम्मेवार हो सकता है. बीते दिनों चेन्नई में एक घर में रखे फ्रिज में ब्लास्ट होने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई. जिसके बाद से ही इस तरह के सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने कुछ जानकारियां जुटाई है, ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके.
पढ़ें- शादी के दिन से ही पति करता था मारपीट, विरोध करने पर बोला तीन तलाक
ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने सबसे पहले काशीपुर के एसी, फ्रिज और वाशिंग मशीन यूनियन के उपाध्यक्ष मो. उमर से बात की, जो पिछले 40 सालों से ये काम कर रहे है. उमर के मुताबिक फ्रिज में प्रयोग होने वाली कोई सी भी कूलिंग गैस जानलेवा नहीं होती है. उमर के अनुसार R-134, हाइड्रोकार्बन और मेफ़रोन जो कंपनियां बना रही है उनका कभी साइड इफेक्ट नहीं होता है. उनके मुताबिक R12 और R22 विदेश में प्रतिबंधित हो चुकी हैं लेकिन, भारत ने आज भी R22 का प्रयोग किया जा रहा है. उमर ने बताया कि जल्द ही भारत में भी कंपनी R410, R404 और R32 के फ्रिज आने वाले है.
इससे बारे में ज्यादा जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने काशीपुर के राधे हरि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के रसायन विज्ञान के प्रोफ़ेसर केदार चंद जोशी से बात की. उन्होंने बताया कि फ्रिज की खोज 19वीं शताब्दी से पहले से हुई है. शुरुआत में इसमें सल्फर डाइऑक्साइड और अमोनिया गैस का प्रयोग किया जाता था, जो हानिकारक होती थी. जिसके बाद इसे बंद कर दिया गया था.