काशीपुरः भले ही राज्य सरकार ने इनदिनों अवैध खनन पर रोक लगा रखी हो, लेकिन सुबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दामन पर उन्हीं के अधिकारी दाग लगाने का काम कर रहे हैं. जी हां, काशीपुर की ढेला नदी में अवैध खनन का खेल सरेआम चल रहा है, लेकिन अधिकारी इस अवैध खनन के कारोबार से बेखबर हैं. वहीं, विपक्ष मामले पर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही और सरकार पर खनन माफियाओं को लूट की छूट देने का आरोप लगा रही है.
काशीपुर में ढेला नदी में हो रहा अवैध खनन. गौर हो कि बीते कुछ महीने पहले ईटीवी भारत ने ढेला नदी में अवैध खनन की खबर को प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद अधिकारियों ने मामले पर कार्रवाई भी की थी और कुछ समय तक के लिए अवैध खनन के खेल को रोक दिया गया था, लेकिन कोरोना महामारी के बीच यह अवैध खनन का खेल दोबारा शुरू हो गया है. जहां माफिया बेखौफ अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं. जिन्हें पुलिस प्रशासन को कोई डर नहीं है.
खनन माफिया बीजेपी सरकार के बने ईष्ट देवताःहरीश रावत
अवैध को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार पर जमकर हमला बोला है. हरदा ने कहा कि कांग्रेस सरकार में खनन करने वालों को बीजेपी खनन माफिया कहती थी, लेकिन आज वो खनन माफिया बीजेपी सरकार के ईष्ट देवता बन चुके हैं. जिनकी बीजेपी सरकार पूजा करती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने घोड़ा-बुग्गी वालों को खनन करने की छूट दी थी. जिससे उनका परिवार का पालन पोषण हो सके, लेकिन बीजेपी सरकार ने बड़े-बड़े खनन माफियाओं को छूट देकर राजस्व को लुटाने का काम किया है.
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जिम्मेदारी अधिकारी हर बार देते एक ही बयान
काशीपुर में अवैध खनन का कारोबार किसी से छुपा नहीं है, लेकिन हर बार जिम्मेदार अधिकारी एक ही बयान देकर अपनी खानापूर्ति कर देते हैं. ऐसा ही बयान एक बार फिर से काशीपुर एसडीएम गौरव कुमार ने दिया है. उन्होंने भी यही कहा कि अवैध खनन की शिकायत मीडिया के जरिए संज्ञान में लाई गई है. जिस पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए संबंधित लेखपाल और चौकी को सूचित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि प्रशासन कोरोना में व्यस्त है, लेकिन अवैध खनन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.