काशीपुर : सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज का 353वां प्रकाशोत्सव जगह जगह बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया. इस मौके पर काशीपुर के मोहल्ला पक्काकोट स्थित गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब से नगर कीर्तन का आयोजन किया गया. वहीं, बाबा सुरेंद्र सिंह की अगुवाई में इस नगर कीर्तन की शुरुआत हुई.
नगर कीर्तन गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब से शुरू होकर मंशा देवी चौक, किला मोहल्ला, मुख्य बाजार, कोतवाली रोड, महाराणा प्रताप चौक, चीमा चौराहा और मोहल्ला कटोराताल से होते हुए वापस गुरुद्वारे में पहुंचकर समाप्त हुआ. नगर कीर्तन में गुरु के पंच प्यारों के अलावा पाकिस्तान में गुरु नानक देव जी के जन्मस्थान की झांकी, गतका पार्टी, भांगड़ा पार्टी आकर्षण का केंद्र रही. इसके अलावा युवा टोली द्वारा हैरतअंगेज करतब भी दिखाए गए.
गुरु गोबिन्द सिंह जी का प्रकाशोत्सव . यह भी पढ़ें-निर्जीव में जान फूंक रहे अशोक चौधरी, कलाकृतियों को देखकर रह जाएंगे हैरान
नगर कीर्तन में पंच प्यारों के वेश में छोटे बच्चों के अलावा, पंजाब की संस्कृति के रूप में पंजाबी विरसा करती छोटी स्कूली छात्राएं, पीटी करते स्कूली बच्चे, गुरवाणी करती स्कूली छात्राएं, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देती झांकी, एनसीसी बैंड पेश करते स्कूली बच्चे, स्वच्छ भारत की झलक पेश करती झांकी के अलावा विभिन्न वेशभूषाओं में सजे छोटे छोटे बच्चे आकर्षण का केंद्र रहे. वहीं, इस नगर कीर्तन की तैयारी स्कूल में काफी दिनों से स्कूल की अध्यापिकाओं और अध्यापकों द्वारा करवाई जा रही थी.
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इस मौके पर सारा शहर गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के जयकारों और गुरुवाणी से भक्ति में डूब गया. नगर कीर्तन में श्री गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज, श्री गुरु नानक इंटर कॉलेज, पंथ रतन बाबा हरबंस सिंह एकेडमी समेत गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के तत्वाधान में संचालित हो रहे आधा दर्जन स्कूलों के सैकड़ों की संख्या में स्कूली बच्चों ने प्रतिभाग किया. नगर कीर्तन का शहर भर में तोरण द्वार बनाकर तथा फूलों की वर्षा के जरिए जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया.
इस मौके पर नगर कीर्तन के आयोजक बाबा सुरेंद्र सिंह ने कहा कि शहर भर तथा आसपास के क्षेत्र की जनता नगर कीर्तन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है तथा अपनी श्रद्धा पेश कर रही है. उन्होंने कहा कि नगर कीर्तन के माध्यम से हमने शहर तथा देशभर में शांति तथा अमन का पैगाम दिया है, जिससे सारा देश तथा संपूर्ण संसार प्रेम अमन और शांति के मार्ग पर चल सके.