रुद्रपुर: दवा कंपनी की लापरवाही के चलते एक किसान की धान की फसल बूरी तरह बर्बाद हो गई. जिससे किसान के आगे रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. मामला पंतनगर कृषि विश्विद्यालय द्वारा दी गयी लीज की जमीन का है. जहां पर घास को समाप्त करने की दवा डालने के बाद घास तो नहीं समाप्त हुई लेकिन धान की फसल जरूर खराब हो गई. दवा डालने से आलम ये है कि खेत मे बड़ी-बड़ी घास उग आने से धान की फसल चौपट हो गयी है. जिस कारण किसान को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है.
गौर हो कि पंतनगर के डेयरी फार्म में एक किसान की 60 एकड़ धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गयी. दरअसल, अप्रैल माह में पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय से पलविंदर सिंह बाजवा निवासी मुड़िया सेदनगर रामपुर द्वारा 100 एकड़ भूमि लीज पर ली थी. जिसमें किसान द्वारा 60 एकड़ में धान की फसल बोई थी. अगस्त माह में उसके द्वारा खेत मे घास मारने की दवा डाली गई थी. दवा घास तो नहीं मार पाई लेकिन धान की फसल खराब हो गयी. अब किसान द्वारा दवा कंपनी पर गम्भीर आरोप लगाए हैं. किसान की मानें तो उसके द्वारा ओरिएंटल प्रजात कंपनी की दवा घास मारने की डाली गई थी. जिसकी कीमत 70 हजार थी. कंपनी द्वारा दावा किया गया था कि 10 दिन के अंदर घास पूरी तरह समाप्त हो जाएगा.