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राजकीय शिक्षक संघ ने की नई शिक्षा नीति में बदलाव की मांग, सीएम को भेजा ज्ञापन - government teachers union Uttarakhand demands change in new education policy 2020

नई शिक्षा नीति 2020 में कुछ बदलावों की मांग को लेकर राजकीय शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा है.

new education policy 2020
राजकीय शिक्षक संघ ने नई शिक्षा नीति में बदलाव की मांग

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Published : Sep 11, 2020, 5:07 PM IST

काशीपुर: राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड ने नई शिक्षा नीति 2020 में उत्तराखंड के पक्ष में विशेष बदलाव की मांग की है. जिसे लेकर शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों ने आज मेयर ऊषा चौधरी के माध्यम से मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री को ज्ञापन भेजा.

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काशीपुर नगर निगम मेयर ऊषा चौधरी के आवास पर संघ के प्रतिनिधिमंडल ने पहुंचकर मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को मांग पत्र भेजा. जिसमें नई शिक्षा नीति को भारतीय संविधान के समानता, पंथनिरपेक्षता, समाजवाद, सामाजिक न्याय, वैज्ञानिक चेतना के मानदंडों के अनुरूप बनाने की मांग की गई है. इसके साथ ही सरकारी शिक्षा के निजीकरण और एनजीओ पर पूर्ण रूप से रोक लगाए जाने की भी मांग की गई है.

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ज्ञापन में पुरानी पेंशन को बहाल कर रिटायरमेंट की उम्र को 60 वर्ष ही रखे जाने की वकालत भी की गई है. शिक्षा पर सकल बजट का 10 प्रतिशत वास्तव में खर्च करने, कॉम्प्लेक्स स्कूल की अवधारणा पर रोक लगाने, प्राथमिक शिक्षा के ढांचे को यथावत रखते हुए सभी स्तरों के साथ साथ प्री-प्राइमरी स्तर पर भी पूर्ण-कालिक शिक्षकों की भर्ती किये जाने की मांग भी इस ज्ञापन में की गई है.

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वहीं, इस ज्ञापन में शिक्षण मातृभाषा में कराए जाने के साथ ही जूनियर स्तर तक उत्तराखंड की भाषाओं कुमाऊंनी, गढ़वाली आदि को बतौर विषय पढ़ाये जाने की वकालत की गयी है. इसके अलावा ज्ञापन में कम से कम इंटर कक्षाओं तक सरकार द्वारा वित्तपोषित, पूरी तरह मुफ्त समान शिक्षा व्यवस्था लागू करने, सरकारी स्कूलों के 5 किलोमीटर के दायरे में किसी भी प्राइवेट विद्यालय को न खोलने की भी बात कही गई है.

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