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सरकारी क्रय केंद्रों पर समय से पहले बंद हुई गेहूं की खरीद - उत्तराखंड समाचार

उधम सिंह नगर जिले के सभी 101 सहकारिता और यूसीएफ के गेहूं क्रय केंद्रों में गेहू की खरीद बंद हो चुकी है. इन गेहूं क्रय केंद्रों पर बीते एक अप्रैल से आगामी 30 जून तक गेहूं की खरीद की जानी थी, लेकिन क्रय समय से पहले बंद हो चुकी है. जिले में अब तक 2 लाख 93 हजार 965 क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है. जबकि बीते साल 6 लाख 20 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद की गई थी. जो पिछले साल के मुकाबले आधी है.

सरकारी क्रय केंद्रों पर समय से पहले बंद हुई गेहूं की खरीद.

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Published : Jun 11, 2019, 11:44 PM IST

खटीमाः सरकार ने गेहूं की खरीद को समय से पहले ही बंद कर दिया है. इन गेहूं क्रय केंद्रों पर आगामी 30 जून तक गेहूं की खरीद की जानी थी, लेकिन समय से पहले क्रय प्रक्रिया बंद हो चुकी है. ऐसे में किसानों को गेहूं मिलों पर बेचना पड़ रहा है. इस बार गेहूं की खरीद सरकारी खरीद केंद्रों पर बीते साल के मुकाबले काफी कम हुई है. पूरे जिले में सबसे ज्यादा और कुल खरीद की आधी खरीद खटीमा क्षेत्र से हुई है. वहीं, अधिकारी कम खरीद के कारण किसानों को सरकारी रेट से ज्यादा बाजार में भाव मिलना बता रहे हैं.

उधम सिंह नगर जिले के सभी 101 सहकारिता और यूसीएफ के गेहूं क्रय केंद्रों में गेहू की खरीद बंद हो चुकी है. इन गेहूं क्रय केंद्रों पर बीते एक अप्रैल से आगामी 30 जून तक गेहूं की खरीद की जानी थी, लेकिन क्रय समय से पहले बंद हो चुकी है. जिले में अब तक 2 लाख 93 हजार 965 क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है. जबकि बीते साल 6 लाख 20 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद की गई थी. जो पिछले साल के मुकाबले आधी है.

उधमसिंह नगर जिले के सरकारी केंद्रों पर गेहूं की खरीद-

  • खटीमा- 13 हजार 718 क्विंटल
  • काशीपुर- 16 हजार 736 क्विंटल
  • गदरपुर- 15 हजार 464 क्विंटल
  • जसपुर- 16852 क्विंटल
  • रुद्रपुर- 21 हजार 829 क्विंटल
  • सितारगंज- 72 हजार 445 क्विंटल
  • बाजपुर- 13 हजार 718 क्विंटल गेहूं की खरीद हुई है. जो सबसे कम है.

वहीं, किसानों का कहना है कि सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर बीते साल के मुकाबले कम मूल्य निर्धारित किया गया था. सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर किसानों को काफी दिक्कतें भी हो रही थी. जिसके कारण किसानों ने गेहूं क्रय केंद्रों की जगह मिलों पर अपना गेहूं बेचना मुनासिब समझा. उन्होंने कहा कि इस बार गेहू क्रय केंद्रों पर दाने की भारी कमी थी. साथ ही उन्हें गेहूं तौल के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में गेहूं लेकर कई दिनों तक खुले में खड़ा रहना पड़ रहा था. जिससे बरसात होने के दौरान से गेहूं के खराब होने की संभावना थी. जिसके चलते किसानों को मिलों पर गेहूं बेचना पड़ा.

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उधर, मामले पर एडीओ को-ऑपरेटिव शोभित अग्रवाल का कहना है कि इस साल गेहूं का सरकारी समर्थन मूल्य 1860 रुपये था. जबकि किसानों को सरकारी मूल्य से ज्यादा गेहूं का भाव खुले बाजार में मिल रहा था. जिस कारण किसान सरकारी गेहूं केंद्रों पर गेहूं लेकर नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कोई भी किसान गेहूं क्रय केंद्रों पर गेहूं लेकर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में गेहूं क्रय केंद्र पर गेहूं की खरीद कुछ दिनों से बिल्कुल बंद हो गई है.

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