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काशीपुर: हरिनगर राजकीय विद्यालय का कक्ष जर्जर, छत से टूट रहा प्लास्टर

साल 1986 में बना हरिनगर गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय का एक कक्ष अब जर्जर हो चुका है. विद्यार्थी इस कक्ष में बैठने को मजबूर हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

Government Primary School Harinagar
Government Primary School Harinagar

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Published : Sep 17, 2021, 3:47 PM IST

Updated : Oct 18, 2021, 2:19 PM IST

काशीपुर: उधम सिंह नगर के काशीपुर में तीन दशक पूर्व बना एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय का एक कक्ष जर्जर अवस्था में पहुंच गया है. शीघ्र ही निर्माण नहीं होने पर बच्चों को स्कूल खुलने खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. लेकिन विभागीय अधिकारी इस ओर कोई ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं दिख रहे हैं.

दरअसल, साल 1986 में हरिनगर गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय की स्थापना हुई थी. 1987 में स्कूल भवन का निर्माण हुआ है. देखरेख के अभाव में स्कूल के चार कक्ष बदहाल हो गए थे. विभाग ने जिनका अलग-अलग समय पर ध्वस्तीकरण करा दिया. सत्र 2010-11 में दो योजनाओं में चारों कक्षा का अलग-अलग समय पर निर्माण कराया गया लेकिन एक कक्ष का निर्माण अभी तक नहीं हो सका, जिसके छत से प्लाटर टूटकर गिरने लगा है. प्लास्टर गिरने पर लिंटर से सरिया भी दिखने लगी है.

आलम यह है कि मरम्मत के अभाव और रंगरोगन नहीं होने पर कक्ष जर्जर हो चुका है. इसी कक्ष में बैठकर कर्मचारी वर्कशीट व अन्य कार्य करने को मजबूर हैं. प्रभारी प्रधानाध्यापक नीता वर्मा ने बताया कि 9 साल पूर्व चार कक्षों का निर्माण हो चुका है. एक कक्ष का निर्माण नहीं हुआ है. साथ ही शौचालयों में पानी की व्यवस्था नहीं है. विद्यालय अनुदान में पचास हजार रुपये मिले हैं, जिससे कक्ष की मरम्मत, रंगरोगन आदि कार्य कराए जाएंगे.

राजकीय प्राधमिक विद्यालय जुड़का में सीआरसी बनी हुई है. उप शिक्षाधिकारी गीतिका जोशी ने दो साल पहले पदभार ग्रहण किया था. वह सीआरसी आने के बाद भी इस स्कूल में आज तक नहीं पहुंची, जबकि ब्लॉक के कई स्कूलों का जीर्णोद्धार होने पर निजी स्कूलों से बेहतर बनाए जा चुके हैं. कक्षा तीन में 27 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं. सामान्य दिनों में विद्यार्थी इस कक्ष में बैठकर ही शिक्षा ग्रहण करते हैं लेकिन दो साल से कोरोना महामारी के कारण एक से पांच तक स्कूल बंद चल रहे हैं. वर्कशीट के माध्यम से बच्चों को शिक्षा मुहैया कराई जा रही है. अगर स्कूल खुलते तो बच्चों को इस कक्ष में बैठने को मजबूर होना पड़ता.

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प्रधानाध्यापक नीता वर्मा कहती हैं कि साल 2005 से स्कूल में तैनात हैं, पिछले साल प्रधानाध्यापक हरपाल सिंह सेवानिवृत्त हो गए हैं. तब से प्रभार उनके पास है. इस दौरान छात्रों की संख्या 83 थी. वर्तमान में बढ़कर यह संख्या 130 पहुंच गई है. छात्र संख्या बढ़ाने के लिए घर-घर जाकर प्रयास किया जा रहा है. इसमें निजी स्कूलों के करीब 30 बच्चों का प्रवेश किया गया है.

उन्होंने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय हरिनगर को दो साल पहले नैनी पेपर ग्रुप ने गोद लिया था. इसके बाद वह नहीं आए. ग्राम प्रधान श्याम सिंह के प्रयास से स्कूल में वाटर कूलर लगाया गया है. ठंडा पानी लेने के लिए लोगों ने स्कूल की दीवार तोड़ दी है. उप शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी के मुताबिक ब्लॉक के जर्जर छह स्कूल और मरम्मत के लिए करीब 18 स्कूलों के प्रस्ताव तैयार किये जा रहे हैं. शीघ्र ही शासन को भेजे जाएंगे. स्वीकृति मिलने और बजट आवंटित होने पर कार्य शुरू करा दिए जाएंगे.

Last Updated : Oct 18, 2021, 2:19 PM IST

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