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तीन सालों से अधूरा पड़ा स्कूल का निर्माण, मौत की छांव में पढ़ने को मजबूर छात्राएं - जर्जर स्कूल

जीजीआईसी सुल्तानपुर पट्टी का भवन क्षतिग्रस्त होने के बाद सन 2015 में कैबिनेट मंत्री यशपाल यशपाल आर्य ने कॉलेज के लिए नए भवन निर्माण की मंजूरी दी थी. जुलाई 2015 में कार्यदाई संस्था पेयजल निगम ने भवन निर्माण भी शुरू किया, लेकिन शासन की ओर से धनराशि नहीं मिलने पर निर्माण अबतक अधर में लटका हुआ है.

बजट के कारण पिछले तीन सालों से अधूरा पड़ा स्कूल

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Published : Jul 21, 2019, 9:44 PM IST

बाजपुर:शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर सरकारी दावों की कलई लगातार खुल रही है. सुल्तानपुर पट्टी का जीजीआईसी इंटर कॉलेज इसी का जीता-जागता उदाहरण है. जिसका अधूरा निर्माण कार्य बजट ना होने का रोना रो रहा है. इसका खामियाजा प्रदेश के होनहारों को भुगतना पड़ रहा है. साथ ही यह जर्जर शिक्षा भवन छात्राओं के लिए भी खतरा बना हुआ है.

बजट के कारण पिछले तीन सालों से अधूरा पड़ा स्कूल

जानकारी के अनुसार जीजीआईसी सुल्तानपुर पट्टी का भवन क्षतिग्रस्त होने के बाद सन 2015 में कैबिनेट मंत्री यशपाल यशपाल आर्य ने कॉलेज के लिए नए भवन निर्माण की मंजूरी दी थी. जुलाई 2015 में कार्यदाई संस्था पेयजल निगम ने भवन निर्माण भी शुरू किया, लेकिन शासन की ओर से धनराशि नहीं मिलने पर निर्माण अबतक अधर में लटका हुआ है.

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प्रधानाचार्य रश्मि पांडे ने बताया कि साल 2015 में भवन की स्वीकृति मिली तो थी, लेकिन धनराशि ना मिलने से 4 सालों के बाद भी भवन का कार्य पूरा नहीं हुआ है. अधूरे निर्माण के कारण बच्चे क्षतिग्रस्त कक्षाओं में बैठने को मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि बारिश के चलते स्कूल परिसर में पानी भर जाता है. जिसकी सूचना कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य को एक साल पहले दी थी. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है. जिस कारण यहां पढ़ने वाली छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं, सुल्तानपुर पट्टी होली चौराहे के पास उर्दू मीडियम का भी यही हाल है. बरसात के कारण स्कूल में पानी भर रहा है. जिसकी शिकायत अविभावक संघ शिक्षा विभाग को कई बार लेटर लिखकर कर चुका है. लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. अध्यापकों के मुताबिक, स्कूल में अध्यापकों की भारी कमी है. बच्चों को जर्जर भवन में बैठने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

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